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11 साल बाद मदनवाड़ा कांड की न्यायिक जांच शुरू, एसपी सहित 25 पुलिसकर्मी हुए थे शहीद

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रायपुर। राजनांदगांव के मदनवाड़ा (MADANVAADA NAXALI ATTACK) में हुए नक्सली हमले की न्यायिक जांच 11 साल बाद शुरू हुई है। न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाले न्यायिक जांच आयोग ने घटना की जानकारी अथवा कोई सूचना रखने वाले लोगों से शपथपत्र पर बयान और दस्तावेज देने को कहा है। आयोग ने इस सूचना को राजपत्र में भी प्रकाशित करवा दिया है।

12 जुलाई 2009 को हुई थी घटना

12 जुलाई की सुबह राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा गांव (MADANVAADA NAXALI ATTACK)  के पास हुए एक बड़े नक्सली हमले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे सहित 25 पुलिसकर्मीशहीद हुए थे। यह पहला मौका था, जब नक्सलियों के हमले में किसी जिले के एसपी की शहादत हुई हो। इस हमले के बाद कुछ वरिष्ठ पुलिस अफसरों की भूमिका पर उंगली उठती रही है। 15 जनवरी को एक आदेश जारी कर सरकार ने मदनवाड़ा कांड की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीश शंभूनाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विशेष न्यायिक जांच आयोग बनाया था। इसका मुख्यालय रायपुर बनाया गया है।

सचिव ने जारी की सूचना

मदनवाड़ा विशेष न्यायिक जांच आयोग के सचिव एनआर साहू की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, जिनके पास इस घटना से जुड़ी जानकारी है अथवा कोई साक्ष्य है और वे आयोग का सहयोग करना चाहते हैं, वे पंजीकृत डाक से आयोग के रायपुर मुख्यालय को भेज सकते हैं। ऐसे लोगों को यह जानकारी शपथपत्र में आधारकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशनकार्ड, गांव के सरपंच अथवा किसी सरकारी संस्था से बना पहचान पत्र, कृषक होने की स्थिति में खाते की स्व-प्रमाणित प्रतियों के साथ 15 दिनों के भीतर भेजना होगा। अगर कोई व्यक्ति का घटना का प्रत्यक्ष साक्ष्य देना चाहता है तो उसे पूर्ण विषयवस्तु और अपने निवास के पते के साथ आयोग में पंजीयन कराना होगा।

बैकअप देने के दौरान हुई थी घटना

अफसरों के मुताबिक 12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा पुलिस कैंप (MADANVAADA NAXALI ATTACK) से बाहर निकले कुछ जवानों पर नक्सलियों ने गोलियां चलाई। इस शुरुआती हमले में 2 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। घटना की सूचना मिलने पर राजनांदगांव के तत्कालीन एसपी विनोद चौबे अपने साथ जवानों की एक टुकड़ी लेकर मदनवाड़ा के लिए निकले। मदनवाड़ा कैंप से पहले कोरकोट्‌टा और कोरकोट्‌टी गांवों के बीच यह पुलिस दल माओवादियों के एम्बुस में फंस गया। इस हमले में एसपी विनोद चौबे सहित 25 पुलिसकर्मी शहीद हुए। एसपी को मरणोपरांत कीर्ति चक्र प्रदान किया गया था।