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डॉ. रमन और अभिषेक की शिकायत लेकर राजभवन पहुंचे कांग्रेसी, कहा-कराएं जाँच

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रायपुर। कांग्रेस ने आज राजभवन में सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह और उनके बेटे के खिलाफ एक मांग पत्र सौपा है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे के नेतृत्व में सौपे गए इस ज्ञापन में डॉ सिंह और उनके पुत्र अभिषेक की संपत्ति की जाँच करने की मांग रखी है।

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ज्ञापन में कहा गया है कि “वर्ष 1998 में कवर्धा से विधानसभा चुनाव में हारने के बाद डॉ. रमन सिंह कर्ज में डूबे हुये थे। वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री बनने तक भी वे एक मध्यमवर्गीय संयुक्त परिवार के सदस्य ही थे। वर्ष 2008 में प्रथण बार विधानसभा चुनाव के दौरान डॉ. रमन सिंह द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार उनके पास मात्र एक करोड़ की कुल संपत्ति थी। जो वर्ष 2013 में बढ़कर 5 करोड़ तथा 2018 में 10.72 करोड़ रू हो गयी।

इसी तरह रमन सिंह के पुत्र अभिषाक सिंह यानि अभिषेक सिंह द्वारा वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान जानकारी दी गई कि उनकी कूल संपत्ति 4.44 करोड़ की है। पूरे राज्य कि जनता जानती है कि पिता पुत्र द्वारा कोई ज्ञात व्यवसाय नही किया जाता है। उसके बाद भी उनकी संपत्ति में कई गुना बढ़त होना भ्रष्टाचार का प्रामाणिक उदाहरण है।”

उत्तराखंड में अभिषेक का रिसोर्ट

ज्ञापान में ये कहा गया है कि “अभिषेक सिंह द्वारा कभी यह जानकारी नही दी गई कि उनके नाम पर गढ़ मुक्तेश्वर (उत्तराखण्ड) में करोड़ो का रिसार्ट था। जिसे उन्होने लोगों की आंख में धूल झोकने के लिये 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले अपनी पारिवारिक सदस्य के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था।

यह संपत्ति भी संभवतः डॉ. रमन सिंह द्वारा ही कय की गयी थी, क्योंकि अभिषेक सिंह की आय का कोई ज्ञात जरिया नहीं था। अभिषाक सिंह यानि अभिषेक सिंह 3 कंपनीयों के डायरेक्टर है, लेकिन प्रत्यक्षतः इन कंपनीयों द्वारा कोई कारोबार नहीं किया गया है। बल्कि ये कंपनिया केवल अवैध राशि को वैध करने का जरीया मात्र थी।”

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इस आधार पर ACB कराऐं जाँच

उक्त तथ्यों के साथ प्राप्त शिकायत की जांच में एसीबी द्वारा यह प्रारंभिक निष्कर्ष दिया गया है कि डॉ. रमन सिंह एवं उनके परिवार के विरूद्ध अनुपातहीन सम्पत्ति धारित करने के आरोप सत्य प्रतीत होते है। प्रकरण की विस्तृत जांच हेतु विधि के प्रावधानों के अनुरूप अनुमति हेतु महामहीम राज्यपाल को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। राज्यपाल से अनुरोध है कि राज्य की गरीब जनता के हितों को देखते हुये जांच हेतूं अनुमति तत्काल प्रदान करें।