spot_img

मथुरा के नंदबाबा मंदिर में नमाज अदा करने से गर्माया माहौल, प्रबंधन उतरा अब सफाई में

HomeNATIONALमथुरा के नंदबाबा मंदिर में नमाज अदा करने से गर्माया माहौल, प्रबंधन...

मथुरा। ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा पर निकले खुदाई खिदमतगार संस्था के दो सदस्यों ने नंदगांव स्थित नंदमहल मंदिर (NANDMAHAL MANDIR) में जौहर की नमाज अदा की। इस घटना का फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मथुरा में खलबली मची हुई है। हिंदुवादी संगठनों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हिंदू संगठनों के आक्रोशित होने पर मंदिर प्रबंधन का कहना है, कि यात्रियों ने उनसे नमाज अदा करने कर अनुमति नहीं ली थी।

यह है पूरा मामला

दिल्ली की संस्था खुदाई खिदमतगार के सदस्य फैजल खान और मुहम्मद चांद गांधीवादी कार्यकर्ता निलेश गुप्ता और आलोक रत्न के साथ ब्रज चौरासी कोस की यात्रा पर हैं। शनिवार दोपहर यह लोग नंदगांव (NANDMAHAL MANDIR) पहुंचे। दोपहर दो बजे जौहर की नमाज़ के वक्त वे नंदमहल मंदिर में थे। फैजल खान और मोहम्मद चांद ने वहीं नमाज अदा की। इससे पहले मंदिर में मौजूद लोगों ने उनको प्रसाद भेंट किया। बाद में मंदिर के सेवायत कान्हा गोस्वामी ने कहा कि उन्होंने नमाज करने की कोई अनुमति नहीं दी थी। यात्री आए थे और उनकी बातचीत भी हुई थी, लेकिन नमाज अदा करने का मसला जानकारी में नहीं है।

सोशल मीडिया में पक्ष-विपक्ष पर उतरे यूजर्स

नंदबाबा मंदिर (NANDMAHAL MANDIR) में नमाज अदा करने की फोटो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया मंे हिंदू और मुस्लिम संगठनों के सदस्यों ने कमेंट करना शुरू कर दिया है। हिंदूवादी संगठनों ने नमाज अदा करने के वाक्या की निंदा करते हुए दोनों युवकों के गिरफ्तारी की मांग की है। भाजपा नेता प्रेम श्रोत्रिय ने कहा कि मंदिर में नमाज अदा कर शांत माहौल को बिगाडऩे का काम किया गया है। पंकज गोस्वामी ने कहा कि मंदिर में नमाज अदा कर मंदिर की गरिमा से खिलवाड़ किया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता नन्दन लाल ने कहा मस्जिदों में रामायण, गीता के पाठ नहीं किए जा सकते तो मंदिर में नमाज क्यों अदा की गई?

श्रीराम-श्रीकृष्ण व पैगंबर का रास्ता एक

नंदगांव में पड़ाव के दौरान फैजल खान ने कहा, कि वे ब्रज के चौरासी कोस की परिक्रमा लगा रहे है। इस ब्रज में प्रेम है और उस प्रेम को हमने लोगों के चेहरों पर महसूस किया है। उन्होंने कहा कि कृष्ण तो सबके हैं, उनकी मोहब्बत सबकी है। फैजल ने बताया कि उनका ग्रुप साइकिल से दिल्ली से पहले वृंदावन आया और फिर मदन टेर से अपनी ब्रजयात्रा शुरू करके नंदगांव पहुंचा। यहां प्रेम की मिसाल मीरा जिंदा हैं, वरना राजस्थान की कितनी ही रानियां हैं, जिनको कोई नहीं जानता। यदि मस्जिद या मंदिर जाकर हम संकीर्ण मानसिकता के हो रहे हैं तो हमें वहां जाना छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा जो श्रीराम और श्रीकृष्ण का रास्ता है, वही पैगंबर का रास्ता है।