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5 नवंबर को राजधानी को जोड़ने वाले NH पर चक्का जाम करेंगे प्रदेश के किसान

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसान संगठनों ने 5 नवम्बर को राजधानी रायपुर को जोडऩे वाले चारो सड़कों को रोकने का फैसला (Decision) किया है। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल के सदस्यों की बैठक रविवार को हुई। इसमें इस आंदोलन की रूपरेखा तय हुई। तय हुआ, राज्यव्यापी चक्काजाम को सफल बनाने 5 नवम्बर को दोपहर 12 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक जगदलपुर-धमतरी- रायपुर, राजनांदगांव-दुर्ग-रायपुर, बिलासपुर-रायपुर, सरायपाली-महासमुंद-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्गों सहित विभिन्न मार्गों पर संयुक्त रूप से चक्काजाम किया जाएगा।

सत्ता में आते ही किसानों को भूली कांग्रेस

महासंघ (Decision) के संचालक मंडल सदस्यों तेजराम विद्रोही, रूपन चन्द्राकर, जागेश्वर चन्द्राकर, डॉ. संकेत ठाकुर ने कहा, जब कांग्रेस पार्टी विपक्ष में थी तब उन्होंने एक नवंबर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी व्यवस्था को लागू करने का वकालत की थी। एक-एक दाना धान खरीदने की मांग करती थी, परंतु जब सत्ता में है तब किसानों के मांगों की ओर ध्यान ही नहीं दे रही हैं।

विधानसभा के विशेष सत्र में मिली निराशा

विधानसभा के विशेष सत्र से किसानों को काफी उम्मीदें थी कि किसानों को पंजाब सरकार की तर्ज पर न्यूनतम समथज़्न मूल्य की गारंटी तो मिलेगी, लेकिन निराशा हाथ लगी। किसान नेताओं ने कहा, भाजपा धान खरीदी के नाम पर केवल राजनीति ही कर रही है। जब वह सत्ता में थी तो 2015 में धान खरीदी की सीमा 25 क्विंटल प्रति एकड़ से घटाकर 10 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी थी और किसान आंदोलन के दबाव में 14 क्विंटल 80 किलो प्रति एकड़ किया। इस प्रकार 10 क्विंटल प्रति एकड़ का नुकसान भाजपा की सरकार ने किया था । भाजपा की केन्द्र सरकार भी किसानों को सभी जगह न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के मूड में नहीं है। ऐसे में किसान दोनों दलों के राजनीतिक पाट में पिसे जा रहे हैं।

बैठक में ये थे मौजूद

बैठक (Decision) में छत्तीसगढ़ किसान यूनियन के संयोजक लीलाराम साहू, अध्यक्ष घनाराम साहू, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपनलाल चन्द्राकर, महासमुन्द जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर चन्द्राकर, गोविन्द चन्द्राकर, छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं निवेशक संघ के अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण चन्द्राकर, छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी के अध्यक्ष मनहरण टिकरिहिया, सुबोध देव, बलदाऊ प्रसाद सोनी, श्रवण कुमार, उपेंद्र कुमार साहू, महावीर साहू, रामविशाल साहू, मोती लाल यदु, दीनदयाल, संदीप चौहान आदि शामिल हुए। प्रमुख मांग समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा 1 नवंबर से धान खरीदी प्रारम्भ करने, केन्द्र सरकार के कृषि विरोधी कानून को निष्प्रभावी बनाने, पूर्ण कर्ज माफी, रबी सीजन में ओलावृष्टि व बेमौसम बारिश से फसल नुकसान की मुआवजा जैसी मांगों को लेकरद किसान आंदोलित हैं।