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भाजपा ने कहा, मुख्यमंत्री बौरा गए हैं, ये बाबा गुरु घासीदास जी का अपमान

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रायपुर। भाजपा नेता नवीन मार्कण्डेय ने कहा कि मुंगेली जिले के लालपुर में गुरु बाबा घासीदास जी के जयंती कार्यक्रम में सतनामी समाज के युवाओं के विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया को घोर आपत्तिजनक टिप्पणी बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से सतनामी समाज के युवाओं को इशारों इशारों में कुत्ता कहकर बाबा गुरु घासीदास जी और सतनामी समाज का घोर अपमान किया है।

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चार साल की विफलताओं और वादाखिलाफी से आक्रोशित युवा जब मुख्यमंत्री से सवाल करते हैं, उनकी कुनीतियों का विरोध करते हैं तो वे बौखला जाते हैं। आपा खोकर अपशब्द कहते हैं। ओछी टिप्पणी करते हैं। अब तो हद हो गई कि गुरु बाबा जी के धार्मिक आयोजन में भूपेश बघेल ने सतनामी समाज के युवाओं की तुलना कुत्ते से कर दी। बघेल बौरा गए हैं। विक्षिप्त जैसा व्यवहार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पद की गरिमा को तार तार कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी कुंठा निकालते हुए उस महान संत का अपमान किया है, जिन्होंने सभी मनुष्यों के एक समान होने का संदेश मानवता को दिया है। भूपेश बघेल ने सतनामी समाज को गाली दी है। सत्ता के अहंकार का ऐसा दुर्लभ उदाहरण कहीं नहीं मिलेगा। भूपेश बघेल अविश्वसनीयता के प्रतीक हैं जो कि मुख्यमंत्री पद पर बैठा कोई व्यक्ति इस तरह असभ्य, अभद्र और अमर्यादित हो सकता है।

प्रदेश भाजपा नेता नवीन मार्कण्डेय ने कहा कि लोरमी के लालपुर में बाबा गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम में भूपेश बघेल को सतनामी समाज के युवकों के विरोध का सामना क्यों करना पड़ा, उन्हें यह समझना चाहिए था और युवाओं की शिकायत का समाधान करना चाहिए था क्योंकि वे मुख्यमंत्री हैं। जब मुख्यमंत्री सभा को संबोधित कर रहे थे, उसी दौरान सतनामी समाज के युवकों ने बैनर-पोस्टर लहराकर आरक्षण मामले पर विरोध कर मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाए तो इसके लिए ये युवा नहीं,

बल्कि अनुसूचित जाति वर्ग के साथ विश्वासघात करने वाले भूपेश बघेल जिम्मेदार हैं। इस पर भी मुख्यमंत्री ने पद की मर्यादा को तिलांजलि देते हुए यह तक कह दिया कि शाम होते कौन भौंकते हैं, उनसे हम डरने वाले नहीं। कांग्रेस बताये कि वह सतनामी समाज को क्या मानती है, बाबा गुरु घासीदास जी का परिवार या वह जो कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बता रहे हैं।

प्रदेश भाजपा नेता नवीन मार्कण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सभा में अपने हक की बात करने गए युवाओं के प्रति इतना द्वेष मुख्यमंत्री की कुंठित मानसिकता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। गुरु घासीदास जी की जयंती के अवसर पर, जिनका संदेश सामाजिक समरसता और आपसी भाईचारा है, उस सतनामी समाज के युवाओं को भौंकने वाला कह कर मुख्यमंत्री ने पूरे अनुसूचित जाति समाज का सरेआम अपमान किया है। भारतीय जनता पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कृत्य माफी योग्य नहीं है। भाजपा कड़ा विरोध करेगी।

मनखे मनखे एक समान, कह गए गुरु घासीदास महान

सत्ता के अहंकार में चूर भूपेश बघेल जी मुंगेली जिले में आयोजित बाबा के जयंती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बन पहुंच तो गए लेकिन बाबा के इस उपदेश को पूरी तरह भूल गए और उनके ही अनुयायीयों के साथ ही अभद्रता कर बैठे। अपना हक मांग रहे अनुसूचित जाति के लोगों को इन्होंने भरे मंच से कह दिया- “शाम को कौन भौंकते है मालूम है,और जो शाम को भौंकते हैं उनसे हम नहीं डरते…”अब सवाल ये है कि भूपेश जी को ये अधिकार किसने दे दिया कि वो अपना हक मांग रहे पूरे अनुसूचित जाति समाज को भौंकने वाला घोषित कर दें? और लोकतंत्र में अपना हक मांगना कब से गुनाह हो गया ?

जिस तरह गुरु समाज के दर्पण होते है,उसी तरह मुख्यमंत्री भी राज्य का दर्पण होता है लेकिन मुख्यमंत्री और इनके पिताश्री के बयानों ने पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश को इतना शर्मशार कर दिया है कि- आज राज्य की जनता इस मुख्यमंत्री रूपी दर्पण को एक पल के लिए भी देखना नहीं चाहती..! ऐसे तुच्छ मानसिकता के आदमी को मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अनुसूचित जाति समाज से माफी मांगते हुए अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब तक समाज से माफी नहीं मांगते तब तक भाजपा भूपेश बघेल का पुतला दहन, एससी – एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर, धरना-प्रदर्शन ज्ञापन आंदोलन करती रहेगी। जिसके अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में आज दिनांक 20 दिसम्बर 2022 को पुतला दहन, 22 दिसम्बर को थानों में एफआईआर तथा 29 या 30 दिसम्बर को 1 दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर माननीया राज्यपाल महोदया जी को ज्ञापन दिया जाएगा।