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चिट्ठी पर सियासी बवाल, पूर्व मंत्री डॉ.बांधी बोले…भूपेश सरकार हुई बेनकाब

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रायपुर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने नर्सिंग कॉलेजों में रिक्त पड़ी सीटों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक बृहस्पत सिंह की चिट्ठी ने सरकार की पोल खोल दी है।

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बृहस्पत सिंह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी में लिखते हैं कि अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग के युवा गुहार लगाते लगाते थक चुके हैं। शासन प्रशासन से उनका मोह भंग हो गया है और अफसर उन्हें कलम की जगह बंदूक पकड़ाना चाहते हैं। इतने गंभीर आरोप के बाद, जो कि स्वयं कांग्रेस के विधायक द्वारा ही लगाया गया है, क्या यह सरकार नैतिक रूप से चलने लायक है ?

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि युवाओं की इस दुर्दशा के लिए, जिसे बृहस्पत सिंह की चिट्ठी ने स्वयं बयान किया है, वे किसे दोषी मानते हैं? क्या वह इसके लिए विभागीय मंत्री टीएस सिंहदेव पर कार्रवाई करेंगे या अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे या फिर स्वयं को इसका जिम्मेदार मानते हुए मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देंगे?

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा है कि प्रदेश की जनता तो भूपेश बघेल सरकार की कार्यशैली से त्रस्त और खफा है ही, सत्ताधारी विधायक भी तानाशाही का आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि यह सरकार युवाओं को कलम की जगह बंदूक पकड़ाना चाहती है। यह हकीकत सत्ता पक्ष के विधायक ने बयां की है तो भूपेश बघेल सरकार की अब कोई बहानेबाजी नहीं चलने वाली।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 4 साल से छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी को कहां धकेल रहे हैं, यह सच सामने आ चुका है। मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन उनमें नैतिकता न कभी थी, न ही उनसे इसकी उम्मीद की जा सकती। अब जनता को ही तय करना है कि छत्तीसगढ़ की संतानों को कलम पकड़ाना है या बंदूक?