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भारत बायोटेक ने कोविड-19 के लिए बनाया दुनिया का पहला इंट्रानेजल वैक्सीन, मिली मंज़ूरी

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हैदराबाद। अग्रणी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सोमवार को घोषणा की कि कोविड-19 के लिए दुनिया के पहले इंट्रानेजल वैक्सीन, आईएनसीओवीएसीसी (बीबीवी154) को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से मंजूरी मिल गई है। भारत में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के युवाओं के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग और बूस्टर खुराक के लिए ये मंज़ूरी दी गई है।

आईएनकोवैक, सार्स-कोव-2 स्पाइक प्रोटीन के साथ एक एडेनोवायरस वेक्टरेड वैक्सीन है। हैदराबाद की कंपनी ने कहा कि इस वैक्सीन का चरण 1, 2 और 3 नैदानिक परीक्षण किया गया था, जिसका बेहतर परिणाम आया।

आईएनकोवैक को विशेष रूप से नाक में बूंदों के जरिए इंट्रानेजल डिलीवरी के लिए तैयार किया गया है। कम लागत वाले इस वैक्सीन को मध्यम आय वाले लोगों के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है।

लॉन्च की तारीख और कीमत पर सस्पेंस

भारत बायोटेक ने कहा कि लॉन्च की तारीख, कीमत और उपलब्धता की घोषणा समय आने पर की जाएगी। आसान भंडारण और वितरण के लिए आईएनकोवैक 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर है। भारत बायोटेक ने पूरे भारत में संचालन के साथ गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित भारत भर में कई साइटों पर बड़ी विनिर्माण क्षमताएं स्थापित की हैं। आईएनकोवैक को वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था, जिसने पुन: संयोजक एडेनोवायरल वेक्टर निर्माण को डिजाइन और विकसित किया था और प्रभावकारिता के लिए प्रीक्लिनिकल अध्ययनों में मूल्यांकन किया था।

वैज्ञानिकों के प्रयासों की हुई सराहना

डीबीटी के सचिव और और बाइरैक के अध्यक्ष डॉ. राजेश एस. गोखले ने वैज्ञानिक समुदाय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, डीबीटी बायोटेक उद्यमों और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे रहा है और रणनीतिक रूप से भारतीय जैव अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है। कम लागत वाली वैक्सीन विकसित किया जाना हमारे देश के लिए बहुत गर्व का क्षण है। यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा।