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रेप की शिकायत करने पहुंची नाबालिग को पूरी रात थाने में रखकर पीटा, निलंबित

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छतरपुर। छतरपुर शहर में बलात्कार (RAPE) की शिकायत दर्ज कराने गई है। 13 वर्षीय दलित लड़की को कथित तौर पर पूरी रात पुलिस थाने में बैठा कर रखने और उसके साथ मारपीट करने के मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 30 अगस्त हो हुई इस कथित घटना के सिलसिले में बुधवार को तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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छतरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा (RAPE) ने बताया कि शहर कोतवाली थाना प्रभारी (एसएचओ) अनूप यादव, उप निरीक्षक मोहिनी शर्मा और सहायक उप निरीक्षक गुरुदत्त शेषा को बलात्कार पीड़िता को थाने में रखने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। संयुक्त कलेक्टर प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि जिला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) से बलात्कार की शिकायत प्राप्त हुई थी जिसके बाद मामला दर्ज किया गया।

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पीड़िता की मां के अनुसार, बच्ची 27 अगस्त (RAPE) को घर से बाहर खेलने गई थी लेकिन नहीं लौटी। अगले दिन कोतवाली थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई।30 अगस्त को घर लौटने पर उसने बताया कि बाबू खान उसे जबरन अपने घर ले गया, जहां उसे बंद करके रखा और उसके साथ बलात्कार किया। बच्ची की मां का आरोप है कि ‘हम शिकायत दर्ज कराने थाने गए थे। दो पुलिसकर्मियों ने मेरी बेटी पर बयान बदलने का दबाव बनाया। उन्होंने मेरी बेटी को पीटा। एक अन्य पुलिस अधिकारी मुझे बाहर ले गया और अंदर मेरी बेटी को लात और बेल्ट से पीटा गया।

बाहर निकाला पुलिस ने

लड़की की मां ने आरोप लगाया कि 31 अगस्त को भी जब वे वापस थाने गए और इंस्पेक्टर यादव से मामला दर्ज करने को कहा तो उन्हें बाहर कर दिया गया। उसने कहा कि आखिरकार एक सितंबर की शाम को पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया लेकिन अपहरण के आरोप को शामिल नहीं किया। पहली रिपोर्ट में लड़की की आयु 17 साल लिखी गई और इसमें अपहरण का जिक्र नहीं किया। सीडब्ल्यूसी सदस्य अफसर जहान ने कहा कि पुलिस अपराधी को बचाने और पीड़िता पर बयान बदलने का दबाव डाल रही है। समिति के एक अन्य सदस्य सौरभ भटनागर ने कहा कि लड़की की आयु 13 के बजाय 17 वर्ष लिखे जाने पर पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है।