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सरकारी स्कूल परिसर को प्ले स्कूल जैसा बनाया, ताकि रोज आएं बच्चे

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बिलासपुर। पहाड़ के किनारे बसे गढ़कटरा के आदिवासी बच्चे (BILASPUR NEWS) पहले सप्ताह में दो-तीन दिन ही स्कूल पहुंचते थे। अधिकांश प्राइमरी के बाद पढ़ाई भी छोड़ देते थे, लेकिन एक युवा शिक्षक की सोच ने स्कूल परिसर को ही नहीं बदला। बल्कि गांव के लोगों को जोड़कर प्राइमरी से आगे की शिक्षा के लिए कदम बढ़ाया। यहां के बच्चों को हर साल मुफ्त में कॉपी, पेन, टाई, जूते मोजे मिलता है। जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर प्राइमरी स्कूल गढ़कटरा को युवा शिक्षक श्रीकांत सिंह ने प्ले स्कूल के रूप में विकसित किया है। यह गांव बालको से सतरेंगा मुख्य मार्ग के किनारे हैं। स्कूल में 34 छात्र पढ़ रहे हैं, जिनमें पहाड़ी कोरवा, धनवार, मझंवार और कंवर जनजाति के हैं।

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गांव 8 मोहल्लों में बंटा हुआ है, जिसकी दूरी एक से डेढ़ (BILASPUR NEWS) किलोमीटर है। इसमें पुरानी बस्ती, कोढारोती, मांझीडूग्गु, मंदिर पारा, बोकलीभाठा शामिल है। पहाड़ा और अक्षर भवन की दीवारों पर अंकित है। यही नहीं पुराने टायर को अलग-अलग रंगों से रंगा गया है। ताकि छात्रों को कलर की जानकारी हो। हर कार्यक्रम में पालकों की भागीदारी जरूर होती है। यही नहीं अगर कोई छात्र स्कूल ना आ पाए तो उसे लेने स्वयं ही शिक्षक श्रीकांत सिंह पहुंच जाते हैं। इसके लिए वे स्वयं भी समय से पहले ही स्कूल पहुंचते हैं। प्राइमरी के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अजगरबहार स्कूल भर्ती ही नहीं कराते पूरा शिक्षण सामग्री भी देते हैं। गांव के 6 छात्र कॉलेज की पढ़ाई भी करने लगे हैं।

आगे बढ़ कोरवा परिवारों के घरों को भी संवार रहे

शिक्षक श्रीकांत स्कूल के अलावा गांव के लोगों (BILASPUR NEWS) कि हर सुख दुख में भी शामिल होते हैं। अभी तक 4 परिवारों के खस्ताहाल घरों को ठीक करा चुके हैं, जिनमें 3 पहाड़ी कोरवा हैं। अब आसपास के स्कूलों में भी शिक्षण सामग्री मुफ्त देते हैं। ठंड के समय कंबल भी बांटते हैं।

पुरस्कार में मिली राशि से शुरू कराई स्मार्ट क्लास

शिक्षक श्रीकांत और अजय ने अपने साथियों से मदद लेकर स्कूल (BILASPUR NEWS) में स्मार्ट क्लास भी शुरू कराया है। इसके लिए पुरस्कार में मिली 5 हजार रुपए से शुरुआत की। बाकी लोगों से मदद से लेकर एक एलईडी खरीदा। अब शिक्षक दिवस के दिन से कंप्यूटर क्लास भी शुरू कर रहे हैं।