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MBBS डॉक्टरों की नियुक्ति का नया नियम, अब पहले मोहल्ला क्लीनिक में देनी होगी ड्यूटी

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दिल्ली। पंजाब के मेडिकल कॉलेजों से MBBS करके डॉक्टर बनने वालों को अब सीधे अस्पतालों में तैनाती नहीं मिलेगी। मोहल्ला क्लीनिक के लिए जो कॉन्सेप्ट सरकार ने तैयार किया है, उसके तहत MBBS की डिग्री हासिल करने के बाद डॉक्टार सेवाएं देने सीधे अस्पताल में नहीं जाएंगे, बल्कि मोहल्ला क्लीनिकों में आएंगे। जब उनकी अच्छी खासी दो-तीन साल की प्रैक्टिस हो जाएगी तो उन्हें बड़े अस्पतालों में उन्हें भेजा जाएगा।

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पहले बहुत कम ऐसा होता था कि MBBS करने के बाद डॉक्टरों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों की डिस्पेंसरियों में होती हो, हालांकि पंजाब में कोई हार्ड एरिया नहीं है, लेकिन फिर भी अधिकतर डॉक्टर देहात के इलाकों में जाते ही नहीं थे। अधिकतर ग्रामीण चिकित्सा केंद्र इसी वजह से खाली पड़े हुए हैं। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारी डिस्पेंसरियां ऐसी हैं, जहां पर सालों से कोई डॉक्टर नहीं आया। ऐसे हालात में मोहल्ला क्लीनिक खुलने के बाद अब स्वास्थ्य सेवाओं प्रति लोगों में एक उम्मीद जरूर जागी है।

स्मार्ट भी हैं मोहल्ला क्लीनिक

मोहल्ला क्लीनिक में मरीज की जानकारी ऑनलाइन होगी। क्लीनिकों में जब कोई इलाज के लिए जाएगा तो टैब से जानकारी स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी। इसके बाद चिकित्सक ने मरीज को क्या बीमारी बताई, उसके लिए क्या दवा दी, एक्सरे या कोई टेस्ट करवाएं हैं, यह जानकारी भी विभाग के पास ऑनलाइन रहेगी।

स्थानीय निकाय मंत्री इंद्रबीर सिंह निज्जर ने बताया कि मरीजों को स्मार्ट कार्ड देने की भी व्यवस्था की जा रही है, जिसमें उसकी बीमारी से संबंधित हिस्ट्री दर्ज होती जाएगी। सरकार इसे आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से भी जोड़ने जा रही है। इससे यह फायदा होगा कि मरीज किसी गंभीर बीमारी को लेकर विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर को उसकी बीमारी की हिस्ट्री पहले पता चल जाएगी और इलाज में देरी नहीं होगी।