रायपुर। टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग से इस्तीफा देने के बाद आज मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे के सवाल पर कहा कि “विभाग में शायद मैं कारगर नहीं हो रहा था। शायद मैं मंत्री ना रहूं तो बेहतर काम हो।”
इसके अलावा दिल्ली दौरे के सवाल पर सिंहदेव ने कहा कि दिल्ली दौरा पहले से निर्धारित था, आलाकमान से मुलाकात का समय मांगा है, अगर संभव हुआ तो मुलाकात होगी।
केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में खराब काम होने की बातें कही थी। केंद्र की योजना पीएमजीएवाय को लेकर छत्तीसगढ़ में खराब काम के आरोप लगे थे। इधर मुख्यमंत्री निवास में हुई विधायक दल की बैठक में 14 मंत्रियों-विधायकों ने सिंहदेव के पत्र में लगाए गए आरोपों पर आपत्ति जताई। पत्र को अनुशासनहीनता करार दिया गया।
मुख्यमंत्री निवास में रविवार रात बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने टीएस सिंहदेव के इस्तीफे का मामला उठा दिया। डहरिया ने कहा, यह सरकार को अपमानित करने वाली स्थिति है। सरकार अच्छा काम कर रही है। इसके बावजूद ऐसा लिखा जा रहा है, यह बेहद आपत्तिजनक है।
खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत , डॉ. विनय जायसवाल, विनोद चंद्राकर, चंद्रदेव राय, द्वारिकाधीश यादव, कुलदीप जुनेजा, शिशुपाल शोरी, रेखचंद जैन, कुंवर सिंह निषाद और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी अनुशासनहीनता पर कार्यवाही की मांग की है। कुछ विधायकों ने टीएस सिंहदेव के विधायक दल की बैठक में नहीं आने पर भी सवाल उठाए।
इधर पत्रकारों से चर्चा में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, यह बड़ा मामला है। महाराज साहब (टीएस सिंहदेव) ने जिस तरीके से पत्र लिखा है, उस पर अधिकांश विधायकों ने प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। चौबे ने कहा, पुनिया जी यहां हाईकमान के प्रतिनिधि हैं, वे वहां अपनी बात रखेंगे। मैं समझता हूं उसके बाद कोई सम्मानजनक हल निकलेगा।