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नीति आयोग : महिला सशक्तिकरण और महिला हित में कार्य करने में राजनांदगांव आगे

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राजनांदगांव। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिला राजनांदगांव को महिला सशक्तिकरण और उनके हित की दिशा में बेहतरीन कार्य करने के लिए अग्रणी जिलों में शुमार किया है।

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जिले में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा ’महिलाओं एवं बच्चों पर प्रभाव’ थीम पर रांची में आयोजित जोनल मीटिंग में शामिल होने के लिए कलेक्टर को आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने जिला प्रशासन को इस उपलब्धि के लिए ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

गौरतलब है कि कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में राजनांदगांव जिले में गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा हैं। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए गौठान में उन्हें कार्य कर आत्मनिर्भर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां समूह की महिलाओं को कार्य मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी है। समूह से जुड़ी महिलाएं स्थानीय स्तर पर पापड़, बड़ी, अचार, मसाला जैसे विभिन्न उत्पाद बना रही हैं। जिनकी स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं छात्रावास में आपूर्ति की जा रही है।

सामग्री के गुणवत्ता के परीक्षण के लिए विकासखंड स्तर पर समिति का गठन किया गया है। समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें ऋण प्रदान किया गया है। जिससे उन्हें रोजगार मिला है। सी-मार्ट एवं गौठान परिसर के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर सशक्त बनाया जा रहा है। इसके साथ ही रेल्वे स्टेशन में दुकान का निर्माण कर विक्रय किया जा रहा है।

जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा एनीमिक किशोरी बालिका, गर्भवती महिलाओं एवं अन्य महिलाओं के स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के लिए घर-घर जाकर जागरूक किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरी बालिकाओं के शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक विकास से संबंधित कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

नव विवाहितों को उनके आने वाले जीवन व मातृत्व से संबंधित जानकारी प्रदान की जा रही है, साथ ही आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं के बारे में स्वसहायता समूहों की कार्य प्रणाली से अवगत कराया जा रहा है। गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को पौष्टिक आहार एवं बच्चों को स्वयं देखभाल के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के अंतर्गत जिले में 125 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर उपलब्धि हासिल की गई है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना एवं महतारी जतन योजना के अंतर्गत पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। पोषण मेला, पौष्टिक व्यंजनों से संबंधित प्रतियोगिता एवं अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से स्थानीय रूप से उपलब्ध भोजन एवं पौष्टिक आहार की जानकारी दी जा रही है।

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कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रेणु प्रकाश ने बताया कि 15 से 49 वर्ष आयु की किशोरी बालिका एवं महिलाओं में एनीमिया दूर करने हेतु स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर एनीमिया जांच तथा एनीमिक पाये जाने पर आवश्यक दवाईयां, आयरन, फोलिक एसिड उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में नशाबंदी के लिए पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए निजात अभियान के तहत समूह की महिलाएं जागरूक होकर कार्य कर रही हैं।