रायपुर। 15 दिनों से बिगड़ी तबियत ठीक होने के बाद स्वामी जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलदाऊ के साथ कल जनता को दर्शन देने भ्रमण पर निकलेंगे, जिसे जगन्नाथ रथयात्रा के नाम से भी जाना जाता है।
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महाप्रभु नगर भर में भ्रमण करते हुए वे अपनी मौसी के यहाँ जाएंगे। स्नान पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ अत्यधिक स्नान करने के कारण 14 जून से अस्वस्थ थे। 15 दिनों से महाप्रभु के मंदिरों के पट बंद थे और भगवान एकांतवास में निवास कर रहे थे। भगवान को स्वस्थ करने के लिए प्रतिदिन औषधियुक्त काढ़ा पिलाया गया।
बुधवार को सुबह अमावस्या तिथि पर काढ़ा पिलाने की अंतिम रस्म के बाद शाम को भगवान के नेत्र खोलने की परंपरा निभाई गई। पुरानी बस्ती, सदरबाजार के मंदिरों में आज नेत्रोत्सव मनाया गया। द्वितीया तिथि पर शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ, भैया बलदेव और बहन सुभद्रा प्रजा से मिलने के लिए रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
राजधानी में भी 500 साल से ज़्यादा पुराना मंदिर
रायपुर के पुरानी बस्ती के टुरी हटरी इलाके में लगभग 500 साल पुराना जगन्नाथ मंदिर है। इस मंदिर का संचालन ऐतिहासिक दूधाधारी मठ ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। मठ के महंत रामसुंदर दास के सानिध्य में निकाली जाने वाली रथयात्रा को देखने के लिए पुरानी बस्ती के लोग उमड़ पड़ते हैं।
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यहां पुरी के मंदिर की तरह ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान को स्नान कराने और बीमार पड़ने के बाद पंचमी, नवमी, एकादशी पर काढ़ा पिलाने की रस्म निभाई जाती है। जिसके बाद भगवान् का नेत्रोत्सव कर भव्य रथयात्रा निकाली जाती है।