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देश के पहले बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में BSP का सरिया, ये भूकंप और जंगरोधी भी

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भिलाई। छत्तीसगढ़ स्थित भिलाई स्टील प्लांट (BSP) देश के पहले हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर के लिए टीएमटी बार्स (सरिया) की आपूर्ति कर रहा है। यहां चलने वाली बुलेट ट्रेन जिन पुलों से होकर दौड़ेगी उसके पिलर्स और स्टील पुलों में इन्हीं सरिया का इस्तेमाल होगा। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के लिए BSP अभी तक 80,000 टन से अधिक टीएमटी बार दे चुका है। खास बात यह है कि यह बार (सरिया) भूकंप रोधी के साथ ही जंग रोधी भी हैं।

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भारत की पहली निर्माणाधीन हाई-स्पीड रेल लाइन परियोजना का कार्य गुजरात खंड में तेजी से चल रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस परियोजना के लिए बीएसपी ने 500 डी-ग्रेड में 65,000 टन से अधिक टीएमटी बार्स की आपूर्ति की थी। टीएमटी बार का उपयोग हाई स्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना के पिलर्स और गर्डर के निर्माण में किया जा रहा है। यह स्ट्रक्चर स्टील पुलों की भार वहन क्षमता को सपोर्ट करेगा।

2 घंटे में पूरी होगी मुंबई-अहमदाबाद की दूरी

508 किलोमीटर लंबी यह परियोजना महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे और पालघर से होते हुए गुजरात (BSP) में वलसाड, नवसारी, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, आनंद, खेड़ा और अहमदाबाद होकर गुजरेगा। इस पर चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी की दूरी को 320 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति के साथ 2 घंटे 7 मिनट में तय करेगी। MAHSR परियोजना के निर्माण कार्य को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है।

बिजली और सिंचाई परियोजना के लिए विशेष स्टील का उत्पादन

भिलाई इस्पात संयंत्र की मर्चेंट मिल और बार एंड रॉड मिल के टीएमटी बार की भारत की अन्य बड़ी परियोजनाओं और बाजार में काफी डिमांड है। बीएसपी बिजली और सिंचाई परियोजनाओं के लिए आवश्यक रासायनिक गुणों वाले विशेष स्टील का उत्पादन कर रहा है। यहां उत्पादित टीएमटी बार्स का उपयोग भूकंप वाले क्षेत्रों में बनने वाली ऊंची इमारतों के लिए भी किया जा रहा है।

अन्य बड़ी परियोजनाओं में भी भारी डिमांड

पूरे देश में सेल-भिलाई (BSP)  के टीएमटी बार्स का उपयोग बांधों, थर्मल, पनबिजली एवं न्यूक्लियर पावर परियोजनाओं, पुलों, राजमार्गों, फ्लाईओवरों, सुरंगों और ऊंची इमारतों के अलावा कुछ ऐतिहासिक परियोजनाएं जैसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, बांद्रा-वर्ली सी-लिंक सेतु आदि के निर्माण में भी किया गया है। आगरा एक्सप्रेस-वे, जिस पर लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है तथा उत्तर-पूर्वी भारत में कई पुलों और सुरंगों के निर्माण में भी सेल-बीएसपी के टीएमटी बार्स का उपयोग किया गया है।