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जलजीवन मिशन का काम धीमा, भड़के कलेक्टर…कहा-प्रगति सिर्फ कागज पर…

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धमतरी। जलजीवन मिशन के तहत गठित जिला जल एवं स्वच्छता समिति की आज समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में कलेक्टर पी.एस. एल्मा ने विभिन्न जलप्रदाय योजनाओं की योजनावार एवं ग्रामवार समीक्षा की। इस दौरान कलेक्टर ने योजनाओं में उपयुक्त प्रगति नहीं आने तथा बार-बार चेतावनी के बाद भी कतिपय ठेकेदारों द्वारा अब तक कार्य प्रारम्भ नहीं करने को लेकर गहरी नाराजगी जताई।

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उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि मिशन की कार्य-प्रगति सिर्फ कागजों पर दिख रही है, फील्ड में नहीं। ऐसे में कार्य के गुणवत्तापूर्ण निष्पादन पर प्रश्नचिन्ह लगता है। कलेक्टर ने अब तक पूर्ण हो चुके सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दिए।

आज सुबह 10.00 बजे से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि योजना के तहत हितग्राहियों का मोबाइल नंबर प्राप्त कर योजना के क्रियान्वयन का सत्यापन कराएं, जिससे वास्तविक स्थिति का पता चल सके। उन्होंने यह भी कहा कि जिन गांवों में जलप्रदाय योजना का काम पूरा हो चुका है, वहां उन्होंने स्वयं इसका स्थल निरीक्षण किया और आमजनता का फीडबैक रिपोर्ट के प्रतिकूल ही मिल रहा है।

कलेक्टर ने ग्रामीणों की जागरूकता व प्रचार-प्रसार के लिए नियुक्त की गई एजेंसियों के प्रतिनिधियों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चिन्हांकित गांवों में जनजागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है, न ही अब तक दीवार लेखन का कार्य शुरू किया गया है, जबकि योजना की प्रारम्भिक अवस्था से ही यह कार्य किया जाना था। उन्होंने कार्यपालन अभियंता को एजेंसियों की कार्यवार सूची और कव्हर किए गए ग्रामों की जानकारी आज शाम तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कार्यपालन अभियंता को नोटिस

कलेक्टर ने कार्यपालन अभियंता से यह भी कहा कि बार-बार निर्देशित करने किए जाने के बाद वे ठेकेदारों से कार्य लेने में अब तक सफल नहीं हुए। उन्होंने उक्त महत्वाकांक्षी योजना का जिले में सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं किए जाने पर कार्यपालन अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए।

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उन्होंने यह भी कहा कि गर्मी के मौसम में अप्रैल से जून माह के बीच भूजल स्तर काफी नीचे गिर जाता है जो विभाग के लिए काफी जद्दोजहद वाला समय होता है। पेयजल संकट की स्थिति बनने से पहले ही विभाग का मैदानी अमला अपनी कार्ययोजना तैयार कर इसके निराकरण के लिए ठोस कदम उठाएं और चिन्हांकित ग्रामों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने भरसक प्रयास करें।