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दिल्ली दंगों के मामले में शरजील इमाम की जमानत खारिज

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दिल्ली। दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने जेएनयू के छात्र शारजील इमाम (Sharjeel Imam) को दिल्ली दंगों से संबंधित बड़े षड्यंत्र के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया। बता दें कि इसमें कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 200 घायल हो गए थे।

अदालत के सामने दलील देते हुए कि अभियोजन पक्ष के आरोप झूठे और काल्पनिक ठहराते हुए, इमाम के वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि उनके मुवक्किल ने कभी किसी हिंसा की वकालत नहीं की। यह कहते हुए कि जेएनयू के छात्र (Sharjeel Imam) ने केवल चक्का-जाम का आह्वान किया, जो भारत में वर्षों से हो रहा है, मीर ने जोर देकर कहा कि दंगों के लिए किसी भी बैठक या कार्यक्रम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है उसे 28 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।

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चक्का-जाम एक निश्चित लक्ष्य के साथ किया गया

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा, “यहां जो है वह यह है कि चक्का-जाम एक निश्चित लक्ष्य के साथ किया गया है। शारजील इमाम 13.12.2019 के अपने भाषण में दिल्ली के भारत की राजधानी होने का उल्लेख करते हैं और एक उदाहरण देते हैं कि यदि यहां एक फ्लाईओवर ढह गया, पूरी दुनिया को इसका पता चल जाएगा। साथ ही, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 24 फरवरी 2020 को दिल्ली का दौरा करना था। दंगे उसी दिन हो रहे थे जब यूएसए के राष्ट्रपति दिल्ली में थे और पूरी दुनिया का मीडिया इसे कवर करने के लिए मौजूद था, चार्जशीट से यह महज सह-घटना नहीं लगती।”

शरजील इमाम का विवादित बयान

शरजील इमाम (Sharjeel Imam) शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के प्रमुख आयोजक थे। उनकी विवादित टिप्पणी 25 जनवरी, 2020 को तब सामने आई, जब भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक वीडियो साझा किया। कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के वीडियो में उन्होंने कहा कि 5 लाख लोग एक साथ आ सकते हैं और भारत से उत्तर-पूर्व को स्थायी रूप से काट सकते हैं। 28 जनवरी, 2020 को, उन्हें बिहार से गिरफ्तार किया गया था, जब पुलिस ने उन पर सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया था।