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दुर्ग से बनकर जाने वाली सिर्फ छह ट्रेनों में चादर-कंबल की सुविधा

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रायपुर। रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद भी रायपुर रेलवे मंडल ट्रेन में यात्रियों को चादर और कंबल मुहैया नहीं करा पा रहा है। रायपुर से बनकर जाने वाली सिर्फ आधा दर्जन ट्रेनों में ही यह व्यवस्था शुरू हो पाई है।

बाकी के ट्रेनों (RAIPUR NEWS) में अभी तक यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है, क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते रेलवे बोर्ड ने ट्रेन में चादर और कंबल पर रोक लगा दी थी, इसलिए करीब 25 हजार चादर और कंबल को धुलना है। रेलवे प्रशासन एक दिन में सिर्फ तीन हजार चादर और कंबल धुलवा पा रहा है। हालांकि रेलवे के अधिकारियों का दावा है कि एक या दो अप्रैल से दुर्ग से बनकर जाने वाली सभी ट्रेनों में चादर और कंबल मिलने लगेगा।

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गौरतलब है कि रायपुर रेलवे मंडल से एक दिन में लगभग दर्जनभर ट्रेनें बनकर चलती हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान यानी मार्च 2020 में यात्रियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य को देखते हुए रेलवे ने चादर, कंबल और तकिया पर रोक लगा दी थी। वहीं संक्रमण को रोकने के लिए ट्रेन के एसी कोच से पर्दे भी हटा दिए थे। अब तकरीबन दो साल बाद यात्रियों को चादर-कंबल और तकिया देने का निर्णय लिया है। उसके बाद दुर्ग वाशिंग लाइन में चादर और कंबल धुलने (RAIPUR NEWS) के लिए मशीनें लगाई गई थीं, जो बंद हो गई थीं। मशीन में काम करने वाले कर्मचारी चले गए थे। रेलवे बोर्ड ने यात्रियों को राहत देने के लिए 10 मार्च को अचानक कंबल, चादर और तकिया देने के निर्देश दिए। वर्तमान में रेलवे प्रशासन संपर्क क्रांति, दुर्ग नवतना एक्सप्रेस, दुर्ग जयपुर आदि छह ट्रेनों में चादर कंबल मुहैया करा रहा है।

यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी

रेलवे प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग (RAIPUR NEWS) से बनकर जाने वाली ट्रेनों में करीब 25 हजार के करीब चादर और कंबल लगते हैं। पिछले दो साल से चादर और कंबल की धुलाई नहीं हुई है। मशीन की क्षमता तीन से चार हजार चादर और कंबल धोने की है, इसलिए थोड़ा विलंब हो रहा है, लेकिन जल्द ही जल्द ही सभी ट्रेनों में यह व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।