spot_img

Khairagarh By-Election 2022: पूर्व विधायक कोमल जंघेल पर बीजेपी ने जताया भरोसा

HomeCHHATTISGARHKhairagarh By-Election 2022: पूर्व विधायक कोमल जंघेल पर बीजेपी ने जताया भरोसा

राजनांदगांव। खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव (Khairagarh By-Election 2022) के लिए भाजपा ने भी लोधी समाज से ही प्रत्याशी उतारा है। दो बार के विधायक व पूर्व संसदीय सचिव कोमल जंघेल को पांचवी बार विधानसभा का टिकट दिया है। वे छुईखदान से सात किलोमीटर दूर गंडई रोड पर स्थित ग्राम घिरघोली के निवासी हैं। वे पिछला चुनाव (2018) जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के देवव्रत सिंह से मात्र 870 मतों से हारे थे।

वर्ष 2006 में हुए उपचुनाव में भाजपा ने पहली बार कोमल को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने शानदार जीत दर्ज कर राजपरिवार ही नहीं, बल्कि कांग्रेस से भी खैरागढ़ की पारंपरिक सीट छीनी थी। तब उन्होंने दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह को हराया था। तब यह सीट देवव्रत के सांसद चुने जाने के बाद उनके इस्तीफे के कारण खाली हुई थी। उसके बाद 2008 के विधानसभा के आम चुनाव में भाजपा ने दूसरी बार कोमल (Khairagarh By-Election 2022) को मौका दिया। इसमें उन्होंने कांग्रेस के मोतीलाल जंघेल को शिकस्त दी थी।

भैयाजी यह भी देखे: भाजपा प्रमुख नड्डा ने बंगाल अग्निकांड की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की

रमन सरकार के दूसरे कार्यकाल (2008-13) में तब उन्हें संसदीय सचिव की भी जिम्मेदारी मिली थी। कोमल को भाजपा ने 2013 के चुनाव में तीसरी बार मौका दिया, लेकिन वे यह चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी गिरवर जंघेल से मात्र 2100 से मतों से हार का सामना करना पड़ा था। लोधी बहुल इस सीट पर समाज में उनकी गहरी पैठ व आम जनता के बीच बेहतर छवि को देखते हुए भाजपा ने 2018 के चुनाव में चौथी बार भरोसा दिखाया, लेकिन इसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह चुनाव वे जकांछ (जे) के प्रत्याशी देवव्रत सिंह से मात्र 870 मतों से हारे थे। यानी स बार वे भाजपा से पांचवी बार चुनाव मैदान में हैं।

भाजपा ने दिया था हल ओैर महल का नारा

वर्ष 2006 के उप चुनाव में जब भाजपा ने कोमल को पहली बार टिकट दिया था, तब उन्हें किसान का बेटा बताकर हल के विरूद्ध महल का नारा उछाला था। कांग्रेस ने राजपरिवार से पद्मा सिंह को प्रत्याशी बनाया था। इस कारण हल ओैर महल का नारा पूरे चुनाव प्रचार अभियान में प्रमुखता से गूंजा था। भाजपा को जीत के रूप में इसका फायदा (Khairagarh By-Election 2022) भी मिला था। हालांकि इस बार कांग्रेस के यशोदा वर्मा उनके सामने है जो खुद किसान परिवार से ही हैं। ऐसे में खैरागढ़ में इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।