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10वीं पास युवक गैंग बनाकर करता था ATM क्लोनिंग, गिरफ्तार

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रायगढ़। एटीएम कार्ड क्लोन कर बैंक ग्राहकों का पैसा उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह (RAIGADH NEWS) के तीन सदस्य को पकड़ने में खरसिया पुलिस को सफलता मिली है। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस ने मास्टर की, एटीएम कार्ड रिकॉर्डर, कार, मोबाइल और पेशकश बरामद किया है। तीनों आरोपी सुंदरगढ़ ओडिशा के रहने वाले हैं। एटीएम क्लोनिंग करने आरोपी ने बाकायदा बिहार से प्रशिक्षण लिया था।

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दरअसल कुछ रोज पूर्व खरसिया क्षेत्र के एक एटीएम बूथ में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कार्ड रीडर में छेड़छाड़ कर ग्राहकों के एटीएम डाटा लेकर एटीएम क्लोनिंग कर पैसा निकाले जाने की शिकायत की गई थी। ATM में रुपये डालने वाली कम्पनी के ड्रिस्ट्रिक्ट एक्जिकेटिव त्रिलोचन साव द्वारा खरसिया पुलिस से मामले की शिकायत की गई थी। शिकायत पर चौकी प्रभारी खरसिया द्वारा ऐसे ATM तथा ATM के बाहर लगे CCTV कैमरों का फुटेज लेकर जांच शुरू कर दी गई, जिसमें तीन संदिग्ध लड़कों की तस्वीरें पुलिस को प्राप्त हुई। फिर मुखबिर व टीम बनाकर शहर के सभी एटीएम में विशेष तौर पर नजर रखना शुरू कर दिया गया।

संदिग्धों को पकड़ा

बीते 27 फरवरी को दोपहर पेट्रोलिंग के दौरान चौकी खरसिया स्टाफ (RAIGADH NEWS) द्वारा संदिग्ध रूप से शहर में घूम रहे ओडिशा पासिंग कार OD 14 Q-9859 रोका गया, जिसमें तीन युवकों से पूछताछ की गई। तीनों लड़के खरसिया में कहां आये थे और कहां जा रहे हैं नहीं बता पाए। तीनों युवकों को चौकी खरसिया लाया गया, जिनसे कड़ी पूछताछ में तीनों ने अपना नाम मोहम्मद इब्राहिम,अमित साहा और प्रफुल्ल कुमार निवासी बिरमित्रापुर जिला सुंदरगढ़ ओडिशा के रहने बताए।

कार्ड रीडर से करते थे क्लोनिंग

पुलिस के मुताबिक कड़ी पूछताछ में तीनों आरोपियों ने बताया कि घूम-घूम कर खरसिया-रायगढ़ (RAIGADH NEWS) क्षेत्र के ATM बूथ में कार्ड रीडर लगाया गया। 1 मार्च से सभी ATM चिप वाले हो जायेंगे जिसकी क्लोनिंग मुश्किल है, इसलिये ज्यादा से ज्यादा ATM क्लोनिंग करना चाह रहे थे। आरोपी मोहम्मद इब्राहिम हाई स्कूल तक की पढाई किया है, जो कपड़ा बेचने का काम करता है। पिछले एक साल से अपने साथी अमित साहा एवं प्रफुल्ल कुमार राय के साथ एटीएम क्लोनिंग कर एटीएम से पैसा निकालने का काम कर रहा था। तीनो अलग अलग प्रदेश जाकर स्वयं से तैयार किया हुआ एटीएम कार्ड रिकार्डर एटीएम में लगाकर बैंक ग्राहकों के ATM का डाटा लेते थे। फिर दूसरे प्रदेश के अनअपग्रेड ATM से रुपये निकालते थे।