spot_img

PM की सुरक्षा चूक मामलें में PCC चीफ मरकाम बोले, चूक हुई है तो गृहमंत्री दे इस्तीफा

HomeCHHATTISGARHPM की सुरक्षा चूक मामलें में PCC चीफ मरकाम बोले, चूक हुई...

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले का रूकना यदि वे सुरक्षा चूक में आता है तो इसके लिये मुख्य रूप से जवाबदेह केंद्रीय गृह मंत्रालय है। गृहमंत्री अमित शाह इस चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दें।

भैयाजी ये भी देखे : दो स्कूलों में बनेगा 220 बेड का कोविड केयर सेंटर, 50…

मरकाम ने कहा कि “पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की नही बल्कि एसपीजी की होती और एसपीजी सुरक्षा प्राप्त हर व्यक्ति का रूट चार्ट एसपीजी के निगरानी में होता है। वे 48 घंटे पूर्व में उन सारे जगहों को अपने अधीन कर लेते है, पूरे रास्ते में एसपीजी के लोग अपने हिसाब से सुरक्षा घेरा बनवाते हैं,

राज्य प्रशासन भी उन्हीं के मातहत होता है। क्या एसपीजी ने ऐसा नही किया ? और यदि नहीं किया तो क्यों नही किया और नही करने के कारण एसपीजी के प्रमुख और गृहमंत्री इसके लिए जिम्मेदार हैं, उनसे इस्तीफा कब लिया जाएगा ?”

राज्य पुलिस के अंतर्गत नहीं है इलाक़ा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आगे कहा कि “फिरोजपुर में जहां किसानों ने रास्ता रोका वह क्षेत्र राज्य सरकार के पुलिस के अंतर्गत आता ही नही क्योंकि मोदी सरकार के “दखलदांजी नीति” के कारण हाल ही में बॉर्डर क्षेत्र के 50 किमी क्षेत्र को बीएसएफ के निगरानी में दे दिया गया है,

और वो रास्ता बॉर्डर के 10 किमी दूरी पर है। ऐसे में क्या केंद्र सरकार मानती है कि बीएसएफ ने पीएम के सुरक्षा क्षेत्र की निगरानी सही से नही की ? और यदि ऐसा है तो बीएसएफ के मुखिया होने के नाते गृह मंत्री इस्तीफा देंगे ?”

हैलीकॉप्टर से तय करना था रास्ता

मरकाम ने कहा कि “प्रधानमंत्री को हैलीकॉप्टर से 112 किलोमीटर की दूरी तय करनी थी जैसा कि उनके कार्यालय से 04 जनवरी को जारी हुए दौरा कार्यक्रम में वर्णित है और उसी आधार पर सुरक्षा व्यवस्था एसपीजी, आईबी, इंटेलिजेंस तथा केंद्रीय गृह विभाग द्वारा की गई थी पंजाब शासन के साथ समन्वय करके, मगर उन्होंने अचानक से कार में जाने का फैसला आखिर किसके सलाह पर लिया ?

भैयाजी ये भी देखे : राहत : छत्तीसगढ़ में अब तक लगे तीन करोड़ कोरोना टीके,…

क्या 112 किमी सड़क को बिना पूर्व सूचना के सुरक्षाकर्मियों द्वारा घेर पाना सम्भव है ? क्या अंतिम समय में इस बदलाव के जिम्मेदारों पर कार्यवाही होगी ? यह तय है कि यह बदलाव राज्य प्रशासन ने नहीं बल्कि केंद्रीय प्रशासन या फिर स्वयं प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत स्तर पर लिया है।”