spot_img

क्रिप्टो बैन की खबर से बिटक्वाइन धराशाई, 26 फीसदी तक आई गिरावट

HomeNATIONALक्रिप्टो बैन की खबर से बिटक्वाइन धराशाई, 26 फीसदी तक आई गिरावट

मुंबई। भविष्य की करेंसी कही जा रही क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) को मोदी सरकार के बड़े एलान के बाद तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, मंगलवार (23 नवंबर) रात भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने की खबर सामने आई। इसके कुछ देर बाद ही क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया। यहां तक कि क्रिप्टो मार्केट के नंबर एक क्वाइन बिटक्वाइन की कीमतों में भी 26 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा बाकी क्वाइन भी बुरी तरह धराशायी हो गए। इन सभी की कीमतों में 25 से 30 फीसदी तक की गिरावट आई है। क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में मदद करने वाले सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स इस वक्त लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं।

भैयाजी ये भी देखे : कोरोना: 24 घंटे में 9 हजार नए मामले, 437 की मौत

23 फीसदी की गिरावट

क्रिप्टो (crypto currency) मार्केट पर गौर करें तो इस वक्त बिटकॉइन (Bitcoin) में करीब 25 फीसदी, Ethereum में 23 फीसदी, Tether में करीब 23 फीसदी और यूएसडी कॉइन में करीब 23 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। भारत में बिटकॉइन कीमत 25 फीसदी से ज्यादा गिरकर 34,99,468 रुपये, इथेरियम की कीमत 2,64,140 रुपये, टीथर की कीमत करीब 63 रुपये, कारडानो की कीमत करीब 107 रुपये तक पहुंच गई।

फ्रेमवर्क का प्रावधान भी

जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी (crypto currency) के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार देश की अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने की तैयारी में जुटी हुई है, लेकिन भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन और कारोबार पर प्रतिबंध लगाने की योजना भी बनाई जा रही है। सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाएगी। सरकार इस बिल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान भी रखेगी। गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हो चुकी है, जिसमें इस पर पाबंदी लगाने की जगह नियमन का सुझाव दिया गया था।

मार्केट में जोखिम काफी ज्यादा

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जोखिम काफी ज्यादा है। इसके बावजूद लोग बड़े पैमाने पर इसमें निवेश कर रहे हैं। दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पता नहीं होता है कि इन्हें कहां से शुरू किया गया और इनका संचालन कहां से हो रहा है। ऐसे में सरकार ने इन पर पाबंदी लगाने का फैसला किया, जो अच्छा कदम माना जा रहा है।