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पांच राज्यों के चुनाव से पहले…प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का हुआ सम्मेलन

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नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने कल सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के एक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का आयोजन मतदाता सूची, पोलिंग स्टेशनों, चालू विशेष वृत्तांत समीक्षा,

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आईटी एप्लीकेशनों, निर्धारित समयवधि के भीतर शिकायतों का समाधान, ईवीएम/वीवीपैट, पोलिंग स्टाफ, मीडिया एवं संचार का प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण तथा मतदाता तक पहुंच बढ़ाने के कार्यक्रम सम्बंधी विभिन्न विषय आधारित मुद्दों पर चर्चा व समीक्षा करने के लिये किया गया था।

अपने सम्बोधन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्र ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की कुशलता और उनकी सक्रियता के महत्‍व पर जोर दिया, क्योंकि ये सभी राज्यों में आयोग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि वे मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करें, उन न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें,

जिनका आश्वासन दिया गया है तथा यह भी सुनिश्चित करें कि सभी मतदान केंद्रों में मतदाताओं को बेहतर सुविधायें प्रदान की जायेंगी। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि वे सभी लंबित आवेदनों को तेजी से निपटायें, खासतौर से मतदाता पंजीकरण के मामलों को। उन्होंने दोहराया कि मतदाताओं को वास्तव में बेहतर अनुभव हो, इसे सुनिश्चित करने के प्रयास किये जाने चाहिये।

कानूनी और नियामक ढांचा बहुत मजबूत

चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से बातचीत करते हुये कहा कि चुनावों का कानूनी और नियामक ढांचा बहुत मजबूत है, हालांकि आयोग के विभिन्न निर्देशों को जमीनी स्तर पर लागू करना बहुत जरूरी है।उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि उन्हें नई सोच रखनी चाहिये, ज्यादा सक्रिय होना चाहिये तथा एक-दूसरे की बेहतर कार्यप्रणाली तथा चुनौतियों से सीख लेनी चाहिये।

प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर जोर

निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय ने बीएलओ के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर जोर दिया, क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग की गतिविधियों का असर और निर्देशों का कारगर क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर काम करने वाले चुनाव अधिकारियों पर ही निर्भर करता है।

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उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों तथा अधिकारियों को शामिल करके लोगों तक पहुंचबनाने का काम औरसुव्‍यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता कार्यक्रम(एसवीईईपी) गतिविधियां गैर-चुनावी समय में भी साल भर चलाई जानी चाहिये।