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नई आबकारी नीति लागू, खुलेंगे नए ठेके

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दिल्ली। दिल्ली सरकार ने खुदरा शराब कारोबार से खुद को अलग करते हुए बुधवार से राष्ट्रीय राजधानी में नई आबकारी नीति (new excise policy) लागू करने की घोषणा की है। दिल्ली सरकार के लाइसेंस पर संचालित होने वाली शराब बिक्री की करीब 600 दुकानों में खुदरा बिक्री का मंगलवार को अंतिम दिन रहा। देश की राजधानी में बुधवार से लागू होने वाली नई आबकारी नीति (new excise policy) में शराब की बिक्री पूरी तरह से निजी हाथों में चली जाएगी।

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पूरी दिल्ली में दिखेगा असर

आबकारी विभाग से जुड़े लोगों के अनुसार शराब की सरकारी दुकानें बंद होने का असर पूरे शहर में दिखेगा। सभी 850 निजी दुकानें बुधवार से काम करना शुरू कर देंगी, इसकी संभावना नहीं है। क्योंकि कई लोगों को लाइसेंस अभी तक नहीं मिले हैं। यहां तक कि एनओसी तक जारी नहीं किया गया है। नई दुकान खोलने की अनुमति जिन लोगों को दी गई है उनका कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से ब्रांड भी रजिस्टर नहीं किया गया है। ऐसे में कौन सा ब्रांड बिकेगा, यह भी तय नहीं है। लिहाजा शराब केंद्र पर शराब की प्रचूरता में एक महीने से ज्यादा का वक्त भी लग सकता है।

32 जोन में 27-27 शराब की दुकानें खोलने का है प्रावधान

नई आबकारी नीति (new excise policy) के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है। हर जोन में शराब की शराब की 27 दुकानें खुलनी हैं। बावजूद नई आबकारी नीति (new excise policy) के तहत पहले दिन से करीब 300 से 350 दुकानों पर ही शराब की बिक्री होने की उम्मीद है। क्योंकि शराब की दुकान चलाने वाले भी अभी ठीक से नई नीति को समझ नहीं सके है। यह भी कहा जा रहा है कि करीब 350 दुकानों को प्रोविजनल लाइसेंस ही जारी किया गया है। हालांकि होलसेल लाइसेंस 10 लोगों को जारी किया गया है और इनके पास 200 से ज्यादा ब्रांड की शराब है। विभिन्न ब्रांड की नौ लाख लीटर शराब खरीदी गई है। ये नई दुकानों तक कितनी पहुंचेगी और कितनी बिकेगी यह भी तय नहीं है।

खुली शराब बिक्री के लिए L-17 लाइसेंस

नई नीति (new excise policy) में खुली शराब बिक्री के लिए एल-17 लाइसेंस दिए जाएंगे जिसमें स्वतंत्र रेस्तरां एवं बार भी शामिल हैं। इन रेस्तरां एवं बार में सार्वजनिक प्रदर्शन से बचते हुए शराब परोसी जा सकती है। वहां पर संगीत एवं डीजे की व्यवस्था भी करने की छूट होगी। ट्रांजिशन पीरियड में जैसे-तैसे ही शराब की बिक्री होने की उम्मीद निजी शराब की दुकानें 30 सितंबर को ही बंद हो गई थीं। इसके बाद डेढ़ महीने के ट्रांजिशन अवधि में सरकारी दुकानें जैसे-तैसे चल रही थीं। ये दुकानें तो मंगलवार रात को बंद हुई, लेकिन पिछले कई दिनों से स्टॉक की कमी की वजह से शराब के शौकीन लोगों को परेशान होना पड़ रहा था।