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BHAIYAJI SPECIAL: छत्तीसगढ़ के 90 प्रतिशत से अधिक सराफा कारोबारी के पास हॉलमार्किंग लाइसेंस नहीं, इस तरह बनाए अपना लाइसेंस

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के 90 प्रतिशत से भी अधिक सराफा कारोबारियों (Bullion traders) के हॉलमार्किंग लाइसेंस नहीं है। भारतीय मानक ब्यूरों के अनुसार लाइसेंस लेना अनिवार्य है। हॉलमार्किंग लाइसेंस बनाने की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सराफा कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में लगभग 55 सौ कारोबारी है। इनमें से अभी तक करीब 500 कारोबारियों के पास ही हॉलमार्किंग लाइसेंस होगा। इसी प्रकार रायपुर में भी करीब 450 सराफा कारोबारी है। इनमें से केवल 100 कारोबारियों के पास ही लाइसेंस है। भारतीय मानक ब्यूरो के इस आदेश के बाद अब बिना लाइसेंस के गहने नहीं बेचे जा सकते।

इस तरह ऑनलाइन बनाए लाइसेंस

आनलाइन लाइसेंस लेने वाले सराफा कारोबारी बीआइएस (भारतीय मानक ब्यूरो) की साइट में जाकर आनलाइन लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते है। बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया में करीब महीने भर का समय लगेगा। रायपुर सराफा (Bullion traders) एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि लाइसेंस लेने की प्रक्रिया आनलाइन होने से सबसे बड़ा फायदा यह हो रहा है, कि अब कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे है।

प्रदेश में साहूकारी लाइसेंस भी आनलाइन

साहूकारी लाइसेंस के नवीनीकरण और नए लाइसेंस के लिए भी अब आवेदन की प्रक्रिया आनलाइन हो गई है। सराफा कारोबारियों का कहना है कि काफी समय से इसकी मांग भी की जा रही थी। यह लाइसेंस पांच साल के लिए दिया जाता है।

लागू होनी है हालमार्किंग की अनिवार्यता

कारोबारियों के हॉलमार्किंग लाइसेंस के बाद अब जल्द ही गहनों के लिए भी हॉलमार्किंग की अनिवार्यता लागू होगी। इसे अगले साल से अनिवार्य किया जाना है। हालांकि, सराफा कारोबारियों (Bullion traders) ने मांग की है कि इसे कुछ समय के लिए आगे बढ़ाया जाए क्योंकि अभी कोरोना के कारण कारोबार पूरी तरह से प्रभावित है।