रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों को धरमलाल कौशिक पेंशनर्स के डीए और बोनस के संबंध में नेताप्रतिपक्ष ने धरमलाल कौशिक ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा है।
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कौशिक ने इस पत्र में छत्तीसगढ़ के सभी कर्मचारियों को केंद्र के अनुरूप पेंशनर्स के डीए और बोनस देने की मांग की है।
ये है कौशिक का पत्र…
प्रति,
श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
सिविल लाइंस, रायपुर.
विषय: केंद्र के अनुरूप शासकीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए और बोनस के संबंध में.
प्रदेशभर में इन दिनों विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारीगण अपनी विभिन्न न्यायोचित मांगों और आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए ज़द्दोज़हद कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की भयावह त्रासदी के समय आपसे यह सहज अपेक्षा थी कि आप कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील होकर उनकी हरसंभव सहायता करेंगे।q लेकिन शासन की उपेक्षा के शिकार कर्मचारियों को लगातार आंदोलन के लिए विवश होना पड़ रहा है। यह दुखद है कि शासन अपने प्राथमिक दायित्वों में से इस एक का निर्वहन भी अपेक्षानुरूप नहीं कर पाई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जिस दर से केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़ाने का फैसला किया है। आपसे आग्रह है कि उसी के अनुरूप प्रदेश के कर्मचारियों के डीए में वृद्धि करें। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का डीए जहां 31 प्रतिशत तक पहुंच गया है, वहीं प्रदेश सरकार का डीए अभी भी 17 प्रतिशत पर रुका पड़ा है। यह निहायत ही अनुचित है। अपने हिस्से और हक़ का 14 प्रतिशत डीए इस तरह रोककर रखे जाने से प्रदेशभर कर्मचारी निराश व हताश हो रहे हैं। इसी तरह केंद्र सरकार ने पेंशनर्स को भी डीए बढ़ाकर आर्थिक लाभ पहुंचाया है, जबकि आपके नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने पेंशनर्स को इस लाभ से पूरी तरह वंचित कर दिया, जो पेंशनर्स के साथ भी अन्याय है।
आपको ज्ञात होगा कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए इस वर्ष दीपावली बोनस की घोषणा की है। प्रदेश सरकार को भी उसी के अनुरूप त्योहारी बोनस की घोषणा करना चाहिए। प्रदेश के कर्मचारी भी केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह हमारे अपने हैं। उनका भी उसी तरह ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है।
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उन्हें भी अपना त्यौहार मनाने का अधिकार है। ऐसी कोई वजह नहीं है कि कर्मचारियों के हित में जो निर्णय केंद्र सरकार कर पा रही है, वैसा प्रदेश सरकार न करे। आपसे आग्रह है कि तत्काल कर्मचारियों व पेंशनर्स के डीए में इज़ाफ़े और इसके साथ ही कर्मचारी संगठनों की सभी मांगों पर संवेदनशीलता से विचार कर गतिरोध दूर करने का प्रयत्न करें।