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भारत में गहराया बिजली संकट, अब देश ने कतर से मांगी गैस

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दिल्ली। बिजली संकट (Bijali Sankat) से जूझ रहे भारत ने अब कतर से नेचुरल गैस की सप्लाई जल्दी करने का आग्रह किया है। कतर से एलएनजी के 58 जहाज आने हैं। लेकिन सप्लाई में विलंब हो रहा है।

कतर की सरकारी कम्पनी कतर गैस के यहां मेंटेनेंस (Bijali Sankat) का काम चलने की वजह से भारत को इस साल मिलने वाले एलएनजी के 50 जहाज में देरी हो रही है। चूंकि भारत में कोयले की सप्लाई में दिक्कतें आने से बिजली प्रोडक्शन बाधित हो रहा है सो अब लिक्विफाइड नेचुरल गैस की सप्लाई जल्द से जल्द हासिल करने की कवायद की जा रही है। अब तेल मंत्रालय ने कतर गैस को पत्र लिख कर जल्द सप्लाई भेजने का आग्रह किया है।

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7.5 मिलियन टन एलएनजी खरीदने का करार

भारत में गैस का सबसे बड़ा आयातक पेट्रोनेट एलएनजी है, जिसने कतर से प्रतिवर्ष 7.5 मिलियन टन एलएनजी खरीदने का करार किया हुआ है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया से एक्सान कंपनी से प्रतिवर्ष 1.44 मिलियन टन एलएनजी खरीदने का अग्रीमेंट है। एलएनजी के दाम चढ़े जिस तरह कोयले के साथ बिजली संकट (Bijali Sankat) बढ़ा है, उसमें एलएनजी के दाम भी चढ़ गए हैं।

जहां पहले एलएनजी के दाम 11 डॉलर प्रति मिलियन टन होता था, वहीं अब ये 56 डॉलर पहुंच गया है। ऊंचे दामों के कारण भारत ने अगस्त महीने में ही गैस का इम्पोर्ट लटका दिया था। पेट्रोनेट एलएनजी के अनुसार एलएनजी के दाम 10 डॉलर प्रति मिलियन से ज्यादा होते ही बिजली कंपनियों ने गैस की खरीद घटा दी थी।

45 फीसदी गैस आयात करता भारत

भारत अपनी जरूरत का 45 फीसदी गैस आयात करता है। इसमें तेजी से बढ़ोतरी भी होने वाली है। भारत में घरेलू गैस की कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार से संबंधित है। घरेलू खनन क्षेत्रों से निकाले गए गैस की कीमत भी 62 फीसदी बढ़ चुकी है, जिसके बाद देशभर में पीएनजी और सीएनजी की कीमतों में इजाफा किया गया है।