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बड़ी ख़बर : विष्णुदेव साय का सरकार पर आरोप, 16 सौ करोड़ का चावल घोटाला

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रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश सरकार पर 16 सौ करोड़ से अधिक के चावल घोटाले का आरोप लगाया है। साय ने इस मामलें में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कहीं है।

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भाजपा अध्यक्ष साय ने इस संबंध में एक पत्रकार वार्ता ली। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही लगातार घोटाले पर घोटाले किये जा रहे हैं। अफ़सोस की बात यह है कि वैश्विक महामारी कोरोना के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजे गए चावल में भी कांग्रेस सरकार ने बड़ा घोटाला कर लिया है। भाजपा द्वारा बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद भी कांग्रेस ने यह घोटाला जारी रहा है, यह अफसोसनाक है।”

साय ने आंकड़ें ज़ारी करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से हर महीने 1 लाख 385 टन अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल प्रति महीने के मान से इससे दो करोड़ से अधिक लोगों को हर महीने यह लाभ मिलना था, लेकिन इसमें से मुश्किल से एक तिहाई लोगों तक यह लाभ पहुंच रहा है। कांग्रेस सरकार ने करीब 1.5 करोड़ गरीबों के मूंह से निवाला छीना है।”

साय ने विधानसभा में उठाए गए सवालों के दस्तावेज़ों के आधार पर कहा कि “विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक शिवरतन शर्मा, विधायक पुन्नुलाल मोहले समेत भाजपा विधायकों के सवाल के जवाब में शासन ने स्वीकार किया है कि प्रति माह 1 लाख 385 टन अतिरिक्त चावल केंद्र द्वारा छत्तीसगढ़ को आवंटित किया जा रहा है।”

चावल मिला मई से नवम्बर 2021तक

भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि “प्रदेश में प्राथमिकता समूह के राशन कार्ड पर मई से नवम्बर 2021तक के लिए 5 किलो प्रति सदस्य के मुताबिक 7 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल का आवंटन छत्तीसगढ़ शासन को मिला, परन्तु उसका लाभ यहां ज़रूरतमंद हितग्राहियों तक कांग्रेस सरकार ने नहीं पहुंचाया है, इस आवंटन का अधिकांश चावल कांग्रेस खा गयी है।”

नहीं दिया अतिरिक्त चावल

उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार द्वारा जहां प्रति व्यक्ति प्रति महीने 5 किलो चावल राज्य को दिया गया, परंतु सरकार ने ऐसे राशन कार्डधारी जिनके परिवार में 1, 2 और 3 सदस्य तक हैं, उनको यह अतिरिक्त चावल नहीं दिया।राशनकार्ड धारी हितग्राही को निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न प्राप्त होने की शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही है।यह शेष अनाज कहां जा रहा है, यह जांच का विषय है।यहां तक कि शासन के एक मंत्री ने इस बड़ी ‘गड़बड़ी’ को स्वीकार भी किया था, लेकिन ऐसे घोटाले जारी हैं।”

16 सौ करोड़ से अधिक का घोटाला

विष्णुदेव साय ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए आगे कहा कि “औसतन एक राशन कार्ड पर तीन से चार सदस्य होते हैं, जिसमें 1, 2 और 3 सदस्यों तक वाले राशनकार्ड पर यह लाभ नहीं दिया जा रहा है।इस मान से अगर एक मोटा अनुमान लगाया जाय तो लगभग दो तिहाई लोगों के हिस्से का चावल गबन कर लिया जा रहा है।यानी गरीबों के हिस्से का लगभग पांच लाख टन चावल राज्य सरकार हड़प गयी है।”

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साय ने कहा कि “इससे पहले भी राज्य शासन ने पंचायतों को दिए एक-एक क्विंटल चावल की कीमत 32 सौ रुपये प्रति क्विंटल वसूल किया था जबकि कांग्रेस उसे मुफ्त देने की बात कर रही थी।अतः चावल का सरकारी रेट 32 रुपया किलो के मान से मोटे तौर पर यह घोटाला 16 सौ करोड़ से अधिक का है।”