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कांकेर में आतंक मचाने वाले दो तेंदुए पिंजरे में कैद

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कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में आतंक के पर्याय बने तेंदुओं (TENDUA) को वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद कर लिया है। शिकारी वन्य प्राणी पिछले महीने भर से स्थानीय रहवासियों के लिए दहशत बने हुए थे। शनिवार रात ग्राम पलेवा व भैंसाकट्टा में लगे पिंजरों में दोनो तेंदुए कैद हुए है। हालांकि अब तक वन विभाग ने स्पष्ट नहीं किया गया है कि पकड़े गए तेंदुओं में कोई आदमखोर है। वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में और तेंदुओं के होने की बात भी कही जा रही है। दोनों तेंदुओं को जिला मुख्यालय में लाकर चिकित्सीय परीक्षण कराया गया, जिसके बाद विभाग के द्वारा उन्हें नंदनवन भेज दिया गया।

महिला-वृद्ध को बनाया था शिकार

कांकेर के चारामा क्षेत्र के ग्राम पलेवा और भैंसाकट्टा में पिछले कुछ समय से तेंदुए (TENDUA) की दहशत थी। बीते एक माह में तेंदुए ने एक महिला व एक वृद्ध का शिकार किया था। जिसके बाद ग्रामीणों की मांग व क्षेत्रीय विधायक मनोज सिंह मंडावी के द्वारा वन विभाग के उच्च अधिकारियों को आदमखोर तेंदुए को पकडऩे के निर्देश देने के बाद वन विभाग तेंदुए को पकडऩे के लिए चार दिन पहले भैंसाकट्टा और पलेवा में पिंजरा व कैमरा लगाया गया था। पहले दिन ग्राम भैंसाकट्टा में वन विभाग ने 3 अलग-अलग जगहों पर पिंजरा और ग्राम पलेवा में एक स्थान पर पिंजरा लगाया था। साथ ही तेंदुए पर नजर बनाए रखने के लिए जंगल में चार कैमरे भी लगाए गए थे।

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पिंजरे में बकरे बांधे गए थे। जंगल किनारे रखे गए पिंजरे में बंधे बकरे को जाल से लकड़बग्घा खींचकर ले गया था। वहीं भैंसाकट्टा में ही लगाए गए दूसरे पिंजरे में भालू फंस गया था, जिसे शनिवार को वन विभाग की टीम ने वापस जंगल में छोड़ा था। रविवार सुबह 6 बजे ग्राम पलेवा और भैंसाकट्टा में लगभग एक ही समय में दोनों जगहों पर तेंदुए शिकार की लालच में पिंजरे में कैद हो गए। जिसके बाद सुबह लगभग 9 बजे ग्रामीणों की मदद से दोनों पिंजरों को ट्रक में डालकर कांकेर वन विभाग के रेस्ट हाउस लाया गया। जहां उनका चिकित्सीय जांच के बाद दोनों तेंदुओं को नंदनवन ले जाया गया।

आदमखोर मानने से इंकार

पकड़े गए तेंदुए (TENDUA) को आदमखोर मानने से वन विभाग के अधिकारियों ने इनकार कर दिया है। वन विभाग के डीएफओ अरविंद पीएम ने कहा कि तेंदुए की पद चिन्ह के अनुसार जांच की जाएगी कि लोगों पर हमला करने वाला तेंदुआ यहीं है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी एक घटना से तेंदुआ आदमखोर नहीं हो जाता और तेंदुए को वन विभाग ने आदमखोर घोषित नहीं किया है।