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ब्राम्हणों को साधने आज मैदान में खुद उतरेंगी मायावती, 2 दो साल बाद सभा को करेंगी संबोधित

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पास आता देखकर राजनैतिक पार्टियों ने बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश में सत्ता का वनवास खत्म करने के लिए बसपा 14 साल बाद ब्राम्हण समुदाय को साधने में लगी हुई है।

ब्राम्हणों को पार्टी का वोटर बनाया जा सके, इसलिए बसपा सुप्रीमो मायावती (MAYAWATI) ने खुद मोर्चा सम्हाला है। मंगलवार को पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश मुख्यालय में बसपा सुप्रीमो मायावती सभा को संबोधित करेंगी। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद मंगलवार को पहली बार बसपा प्रमुख व पूर्व सीएम मायावती किसी सार्वजनिक मंच पर नजर आएंगी। मायावती ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए बसपा के मिशन-2022 का आगाज करेंगी।

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अयोध्या से हुआ था आगाज

बता दें कि यूपी में 2022 की चुनावी लड़ाई में अभी तक कमजोर मानी जा रही मायावती (MAYAWATI)  ने बसपा महासचिव सतीश मिश्रा के कंधों पर ब्राह्मणों को जोडऩे का जिम्मा दे रखा है। सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में बसपा ने 23 जुलाई को अयोध्या से प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी (ब्राह्मण सम्मेलन) की शुरुआत की था। इसके बाद अलग-अलग चरणों में सम्मेलन करते हुए अब तक 74 जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन किए जा चुके हैं। बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन का समापन लखनऊ में मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में हो रहा है, जिसमें मंच पर मायावती (MAYAWATI)  खुद नजर आएंगी।

इन जिलों में ब्राह्मण वोटरों का असर

यूपी में देवरिया, संतकबीरनगर, बलरामपुर, बस्ती, महाराजगंज, गोरखपुर, जौनपुर, अमेठी, वाराणसी, भदोही, प्रतापगढ़, चंदौली, कानपुर, प्रयागराज, हाथरस, शाहजहांपुर, बरेली, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर में ब्राह्मण समुदाय की अच्छी खासी संख्या है। इन जिलों की विधानसभा सीटों पर ब्राह्मण समुदाय खुद या फिर दूसरे को जिताने की ताकत रखते हैं।