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आदिवासी समाज की अर्थिक नाकेबंदी, रेलवे ट्रेक पर बैठे लोग, सड़के कर दी बंद

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रायपुर। आदिवासी समाज ने सड़कों और रेलवे ट्रैक पर बैठकर आर्थिक नाकेबंदी कर दी है। जिसकी वज़ह से आदिवासी बाहुल इलाकों में मालगाड़ियां और ट्रकों के पहिए थम गए है।

आदिवासी समाज के आह्वाहन पर सोमवार को बालोद जिले समाज के लोगो ने रेलवे ट्रेक पर बैठकर अपना विरोध जताया। जानकारी के मुताबिक जिले के डौंडी ब्लॉक के मानपुर चौक के पास रेलवे ट्रेक पर बैठ कर आदिवासी समाज के लोगो ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश स्तरीय आर्थिक नाकेबंदी की है।

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बताया जा रहा है कि यहाँ पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर के साथ बालोद से गुजरने वाली दल्लीराजहरा रेलवे लाइन पटरी पर तक़रीबन 10 हजार से ज़्यादा आदिवासी मालगाड़ी को रोकने बैठे हुए है। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है।

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर लगातार ज्ञापन सौंपने और अपनी समस्या और मांगो को प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद मांग पूरी न होने से नाराज सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया था। आदिवासी समाज आदिवासी जिलों में पेसा कानून लागू करने, सिलगेर में मारे गए लोगों को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने के अलावा अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश की आर्थिक नाकेबंदी कर रहे हैं।

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प्रदर्शन कर रहे समाज के लोगो ने कहा कि अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हम आर्थिक नाकेबंदी कर रहे है। इस दौरान किसी भी यात्री वाहन और आवश्यक सेवाओं किसी भी तरह से बाधित नहीं किया जा रहा है। हमने लगातार लिखित रूप से अपनी मांगों को लेकर शासन-प्रशासन तक पहुंचाया, लेकिन शासन प्रशासन द्वारा हमे सिर्फ आश्वासन दिया, परंतु आज तक हमारी मांग पूरी नहीं हुई।

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जिसके खिलाफ आदिवासी समाज के सभी लोगों ने अब शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आर्थिक नाके बंदी कर रहे है। यह आर्थिक नाकेबंदी अनिश्चितकालीन रहेगी। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक हमारे समाज के लोग डंटे रहेंगे।