रायपुर। छत्तीसगढ़ में आपदा के दौरान मृत हुए प्रदेशवासियों के परिजनों मुआवजा (compensation) का मलहम भूपेश सरकार ने लगाया है। छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विभिन्न प्राकृतिक आपदा से पीडि़तों को जिला कलेक्टर के माध्यम से आर्थिक अनुदान सहायता स्वीकृत की जाती है। ऐसे प्रकरणों में बैकुण्ठपुर कोरिया जिले में मृतकों के पीडि़त परिजनों को 60 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है।
राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत कोरिया जिले की तहसील मनेन्द्रगढ़ के ग्राम सरभोका की मानमति की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके वारिस आकाश सिंह, ग्राम लालपुर की गीता की गाज गिरने से मृत्यु होने पर उनके वारिस सुन्दरलाल, ग्राम मोरगा के नहियारलाल और बाबूलाल की जलाशय में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस रामकली, ग्राम साल्ही की सावित्री की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस गोरेलाल शामिल है।
भैयाजी ये भी देखे : छत्तीसगढ़ के 3 पुलिस अधिकारियों की विवेचना का डंका दिल्ली तक, अब सम्मान करेगी मोदी सरकार
तहसील चिरमिरी के ग्राम कौडीमार के राजा की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस देवलाल, तहसीख खडग़वां के ग्राम खंधौरा की जयकुमारी की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके वारिस प्रदीप सिंह, तहसील भरतपुर के ग्राम नेरूआ की करीना की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके वारिस रामबहापुर को क्रमश: 4-4 लाख रूपये (compensation) की राशि शामिल है।
इसी तरह तहसील सोनहत के ग्राम आनंदपुर के सुकला प्रसाद की कुआ में गिरने से मृत्यु होने पर उनके वारिस सोनकलिया, ग्राम सोनारी की रनिया बाई की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस गंभीर सिंह, ग्राम अमहर के शिवम की ढोडी में गिरने से मृत्यु होने पर उनके वारिस रंजीश, ग्राम केशगवा के लव कुमार की कुआ में गिरने से मृत्यु होने पर उनके वारिस भागवत शामिल है।
भैयाजी ये भी देखे : शहीद योगेंद्र शर्मा के नाम से अब पहचाना जाएगा धरसींवा का स्वास्थ्य केन्द्र और शाला
तहसील बैकुण्ठपुर के ग्राम बडगांव के चंचल की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके वारिस फलराम, ग्राम मनसुख की गंगोत्री सिंह की कुआ में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस चन्द्रशेखर एवं ग्राम बरपारा के जगदीश की कुआ में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिश सरस्वती देवी के लिए 4-4 लाख रूपये (compensation) की राशि शामिल है। इस राशि की मंजूरी राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत प्राकृतिक आपदा राहत के अंतर्गत दी गई है।