रायपुर। विवादों में रहने वाला गुरू घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas Central University) का प्रबंधन एक बार फिर सुर्खियों में है। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रबंधन की एक और बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। प्रबंधन ने पिछले 27 महीनों से पेंशन स्कीम की 4 प्रतिशत राशि लगभग 3 करोड़ रुपए खाते में जमा नहीं किया है। विवि प्रबंधन की इस मनमानी से प्राध्यापक व अधिकारी वर्ग को हर माह आर्थिक नुकसान हो रहा है।
बराबर राशि जमा करनी है प्रबंधन को
पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी और नियोक्ता को हर महीने एनपीएस खाते में बराबर-बराबर राशि जमा करनी होती है। एक अप्रैल 2019 से पूर्व नियोक्ता (संस्था) को कर्मचारी के मूल वेतन की 10 प्रतिशत राशि खाते में जमा करनी होती थी। सरकार ने इसे बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दी। यहीं से मामला बिगड़ गया।
प्रबंधन ने आज दिनांक तक अर्थात 27 महीने से वृद्धि की गई चार प्रतिशत की राशि खाते में जमा नहीं की है। इसके कारण तगड़ा नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों व शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि वित्त विभाग से जुड़े अधिकारियों (Guru Ghasidas Central University) ने इसमें धोखाधड़ी की है। मामला उजागर होने के बाद अब यूजीसी द्वारा मना करने की बात कहकर बचते नजर आ रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि आयोग ने एक पत्र के जवाब में 14 प्रतिशत अंशदान को अनिवार्य बताया है।
व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी
प्रबंधन और वित्त विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगने के बाद गरू घासीदास विश्वविद्यालय (Guru Ghasidas Central University) के वित्त अधिकारी प्रो. राजकुमार शर्मा पूरे मामलें में आगे आए है। उन्होंने प्रक्रिया का लंबित होना स्वीकार किया है। प्रो. शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा, कि कुछ तकनीकी समस्याओं के चलते चार फीसदी राशि को नहीं जमा किया जा रहा था। आने वाले दिनों में इसका त्वरित समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।