दिल्ली. केंद्र सरकार के कृषि कानून (Agricultural law) के तहत किसी भी राज्य के किसान किसी भी मंडी में अपनी फसल बेच सकेंगे। कृषि कानून पास हुए अभी दो दिन नहीं हुए है, लेकिन इस कानून का उल्लंघन शासकीय अधिकारियों द्वारा किया जाने लगा है।
अपनी उपज को बेचने के लिए उत्तर प्रदेश से हरियाणा जा रहे 50 किसानों को उनकी फसल के साथ करनाल सीमा पर रोक दिया गया है। ये किसान (Agricultural law) अपनी उपज लेकर सरकारी मंडी में बेचने के लिए हरियाणा के करनाल जा रहे थे। किसानों को रोकने का आदेश करनाल के डिप्टी कमिश्नर निशांत यादव ने जारी किया था। बार्डर पर रोके गए किसान गैर-बासमती चावलों की अलग-अलग किस्मों को बेचने आ रहे थे। हरियाणा सरकार इन किस्मों को एमएसपी पर खरीदती है। यूपी सरकार एमएसपी नहीं देती, इसलिए ये किसान अपनी फसल हरियाणा में बेचने जा रहे थे।
स्थानीयों को मिले वरीयता
जानकारी है कि जिला प्रशासन कथित रूप से यह सुनिश्चित करना चाहता था कि यही फसल (Agricultural law) उपजाने वाले स्थानीय किसानों को वरीयता दी जाए- जैसा पहले कभी नहीं हुआ है। हालांकि, हरियाणा सरकार का कहना है कि गैर-बासमती किस्मों के चावल बेच रहे किसानों को पहले हरियाणा सरकार के एक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा और फिर अपनी बारी का इंतजार करना होगा।
मामलें में अतिरिक्त मुख्य सचिव (खाद्य व नागरिक आपूर्ति) पीके दास ने कहा कि ‘ऐसा कोई कानून नहीं है, जो दूसरे राज्यों के किसानों पर हरियाणा में आकर अपनी उपज बेचने से रोकता है। उन्होंने पोर्टल में डिटेल भरकर आसानी से फसल बेचने की बात कही है। कोविड के मद्देनजर इसका पालन करने के लिए कहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव का कहना है, हर रजिस्टर्ड किसान को बाजार में आने के लिए एक तारीख दी जाती है।