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संसद का मानसूत्र सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक, कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन

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नई दिल्ली। संसद का मानसूत्र सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक होगा। ये सत्र हर रोज़ सुबह 11 बजे से शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा। पिछले सत्र की तुलना में 19 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही अपने सामान्य समय पर लौटेगी। पिछले दो सत्रों में राज्यसभा ने सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच कार्य किया था और लोकसभा शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक चली थी।

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा का यह छठा सत्र होने का उल्लेख करते हुए कहा कि मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान 19 दिनों का कामकाज होगा। दोनों सदनों के लिए सत्र का समय सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा।

कोरोनावायरस महामारी अभी भी जारी है, इसलिए संसद के दोनों सदनों में सभी आवश्यक प्रोटोकॉल के साथ सत्र आयोजित किया जाएगा और सदस्यों को सामाजिक दूरी के आधार पर समायोजित करने की व्यवस्था की जाएगी।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा नियम 377 के तहत सदस्यों द्वारा उठाए गए मामलों पर मंत्रालयों से भी समय पर उत्तर प्राप्त हो रहे हैं। इस नियम के तहत अब तक उठाए गए लगभग 90 प्रतिशत विषयों का उत्तर एक महीने की समय सीमा के भीतर दिया गया है। यह आकंड़ा भी पिछली लोकसभा से अधिक है।

इस तरह की होगी बैठक व्यवस्था

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार सांसदों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सदन में बैठने की व्यवस्था की गई है। 280 सदस्य लोकसभा कक्ष में और 259 असेंबली की गैलरी में बैठकर सदन की कार्यवाही में भाग ले सकेंगे।

मानसून सत्र के दौरान प्रश्नकाल, शून्यकाल, नियम 377 के तहत आने वाले मामले, सरकारी विधायी कार्य और गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य सहित सभी विषयों को लिया जाएगा।

टीकाकरण नहीं होने पर कराना होगा RTPCR

बिरला ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों के सदस्यों, मीडियाकर्मियों और अधिकारियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य नहीं होगा, जिन्होंने कोविड का टीकाकरण कराया है।

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यदि किसी का टीकाकरण नहीं हुआ है, तो फिर आरटी-पीसीआर परीक्षण करना होगा। उन्होंने कहा कि पहले की तरह, संसद भवन परिसर में अन्य व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।