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सरकार में बढ़ेगा राजग के सहयोगियों का प्रतिनिधित्व… बुधवार को हो सकता है मोदी मंत्रिमंडल के दूसरे कार्यकाल का पहला विस्तार…

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नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार पर अटकलों का बाजार गर्म है। चर्चा है कि इसी हफ्ते संभवत: बुधवार को ही मंत्रिमंडल विस्तार पर मुहर लगेगी। मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कम से कम राजग के चार सहयोगी दलों जदयू, लोजपा, अन्नाद्रमुक और अपना दल को सरकार में प्रतिनिधित्व देंगे। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस को भी सरकार में शामिल किए जाने की चर्चा है।

सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को गृह मंत्री शाह विस्तार के संदर्भ में कई अहम बैठकें करेेंगे। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को फोन के जरिए दिल्ली पहुंचने का संदेश दिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव को फिलहाल दिल्ली में रहने के लिए कहा गया है। जदयू से बातचीत अंतिम दौर में है। जबकि शाह मंगलवार को कुछ सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंंगे।

गौरतलब है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में शिवसेना और अकाली दल का राजग से नाता तोडऩे और रामविलास पासवान के निधन के बाद सरकार में सहयोगियों की भूमिका प्रतीकारात्मक रह गई है। वर्तमान में महज आरपीआई (अठावले) की ही सरकार में भागीदारी है। आरपीआई का लोकसभा में प्रतिनिधित्व नहीं है। इसके अध्यक्ष रामदास अठावले बतौर राज्यसभा सदस्य सरकार में बतौर राज्य मंत्री शामिल हैं।
कम से कम चार नए दलों को मिलेगा प्रतिनिधित्व

विस्तार में राजग में शामिल चार दलों को सरकार में प्रतिनिधित्व मिलना तय है। लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गठन में महज एक सीट के प्रस्ताव को जदयू ने खारिज कर दिया था। अब जदयू को दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का प्रस्ताव दिया गया है। फिलहाल इस मामले में बातचीत जारी है। लोजपा से पशुपति पारस के मंत्री बनने की संभावना है। अन्नाद्रमुक को भी सरकार में शामिल करने पर बातचीत हो रही है। अपना दल से अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया जाना तय है। जबकि वाईएसआर कांग्रेस से भी बातचीत फिलहाल जारी है।

23 मंत्रालयों में बदलाव नौ मंत्रियों की छुट्टïी
सूत्रों के मुताबिक विस्तार और बदलाव का शिकार 23 मंत्रालय होंगे। कम से कम नौ मंत्रियोंं की मंत्रिमंडल से छुट्टïी होगी। इनमें दो कैबिनेट और सात राज्य मंत्रियों को हटाए जाने की चर्चा है। इसके अलावा सात मंत्रियों के विभागों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इस समय नौ मंत्रियों के पास मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार है। इन मंत्रियों के काम के बोझ को कम किया जाएगा। वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में 57 सदस्य हैं। संविधान के मुताबिक मंत्रिमंडल मेंं 81 मंत्रियोंं को समायोजित किया जा सकता है।

चुनावी राज्यों पर नजर
अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हैं। विस्तार के जरिए इन राज्योंं में भी जातिगत-सामाजिक संतुलन साधा जाएगा। विस्तार के संदर्भ मेंं सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी हैं। इसके अलावा उत्तराखंड से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत या तीरथ सिंह रावत को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा है।