रायपुर। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री अमरजीत भगत के बेटे द्वारा गलत तरीके से संरक्षित कोरवा जनजाति की जमीन खरीदी गई है। अब मंत्री अमरजीत भगत खुद स्वीकार रहे हैं कि हम जमीन वापस कर देंगे।
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उन्होंने कहा कि मंत्री द्वारा दिया गया बयान अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र संरक्षित कोरवा जनजाति के लोगों की जमीन को सरकार के मंत्री के बेटे द्वारा नियम विरूध्द अपने ओहदे का दुरूपयोग कर खरीदा गया है।
संरक्षित जनजाति के लोगों की जमीन को आसानी से ऐसे कैसे खरीद सकते हैं? मंत्री भगत के बेटे द्वारा इस तरह से आदिवासी की जमीन को छलकर खरीदना यह साबित करता है कि प्रदेश में जब उनकी सरकार है तो कांग्रेसी कुछ भी कर सकते हैं।
प्रदेश की सरकार आदिवासियों के हितैषी होने का दावा करती है लेकिन खुद ही यह सरकार आदिवासियों की शोषण करने में लगी हुई है और इस कृत्य लिए आदिवासी समाज के मंत्री ही जिम्मेदार है।
प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को नैतिकता के आधार पर अमरजीत भगत को मंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए नहीं तो भूपेश बघेल के न्याय के दावे का औचित्य कई बार की तरह इस बार भी दिखाई नहीं देगा।
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने मांग की है कि पीड़ित परिवार की जमीन को तत्काल वापस कर इस गड़बड़ी में शामिल दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए इसके साथ ही उन्होंने उन संरक्षित परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
राज्यपाल से मिले पीड़ित परिवार
इधर इस मामलें को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके से कोरवा जनजाति के पीड़ित परिवार ने मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान पीड़ित परिवार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
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इस दौरान पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, नितिन राय, विकास सोनी, राजकपूर राम भगत, लालसाय, मखलू, सहिंदर मौजूद थे।