spot_img

लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए जनाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए सदस्य अपना योगदान दें: प्रधानमंत्री मोदी

HomeNATIONALCOUNTRYलोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए जनाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन उम्मीद जताई कि लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए सभी सदस्य चर्चा के माध्यम से जनआकांक्षाओं की पूर्ण करने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि देश को अपेक्षा है कि इस सत्र में सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत निकले।

बजट सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इस दशक का पहला सत्र है और यह दशक भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को तेज गति से सिद्ध करने का यह स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है। इस दशक का भरपूर उपयोग हो इसलिए इस सत्र में पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएं हों।

इस दौरान सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हो, यह देश की अपेक्षाएं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश की जनता ने अपने प्रतिनिधियों को चुनकर संसद में भेजा है, वे इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करते रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि, लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए संसद सदस्य अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे। सभी सदस्य मिलकर इस सत्र को और अधिक उत्तम बनाएंगे। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि 2020 में वित्त मंत्री को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देने पड़े।

2020 में एक प्रकार से मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। इसलिए यह बजट भी 4-5 मिनी बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा, यह मुझे पूरा विश्वास है।’