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निलंबित सांसदों ने गांधी प्रतिमा के पास रातभर किया प्रदर्शन, सर्मथन में सांसदों ने किया वॉकआउट

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दिल्ली. कृषि विधेयक बिल (Agriculture Bill) पारित होने के बाद राज्यसभा में हंगाम करने वाले आठ विपक्षी सांसदों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास रातभर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सांसदों को राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश मनाने के लिए चाय लेकर पहुंचे। प्रदर्शनकारी सांसदों ने चाय पीन से इंकार कर दिया। आपको बता दे कि राज्यसभा में हंगामा करने की वजह से सदन के सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के आठ सांसदों को सोमवार को एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया है। सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। प्रदर्शनकारी सांसदों का निलंबन वापस लेने के लिए मंगलवार को राज्यसभा से विपक्षी नेताओं ने वॉक आउट भी कर दिया है।

तख्तियां दिखाकर किया प्रदर्शन

सोमवार को कांग्रेस के राजीव साट, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, सीपीएम के सांसद के.के. रगेश, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह समेत सभी निलंबित सांसद राज्यसभा से निकलने के बाद संसद की लॉन में बैठकर प्रदर्शन करने (Agriculture Bill) लगे। प्रदर्शनकारी सांसदों ने अपने हाथ में तख्तियां रखी थी। तख्तियों में “संसद की हत्या” और “हम किसानों के लिए लड़ेंगे” जैसे स्लोगन लिखे हुए थे।

पढ़े क्या है विधेयक और क्यों हो रहा विरोध

  •  कृषि संबंधी दो विधेयको को रविवार को राज्यसभा में मंजूरी दे दी गई है, इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होने के साथ ही यह कानून का रूप ले लेगा। जिन विधेयको को मंजूरी मिली है, उसमें कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 शामिल है।
  • कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 के तहत किसान या फिर व्यापारी अपनी फसल मंडी और अन्य माध्यमों से आसानी से बेच सकेंगे।
  • कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 (Agriculture Bill) के अनुसार कृषक देश के किसी भी हिस्से में आसानी से व्यापार कर सकेंगे। मंडियों के अलावा फार्मगेट, वेयर हाउस, कोल्डस्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिटों पर भी बिजनेस करने की आजादी होगी। किसानों से प्रोसेसर्स, निर्यातकों, संगठित रिटेलरों का सीधा संबंध स्थापित किया जाएगा।
  • कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 के अनुसार दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसान भी बिचौलियों की मदद के बिना आसानी से अपनी फसलों को बेच सकेंगे।
  • कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 के अनुसार कृषक व्यापारियों, कंपनियों और निर्यातकों से कृषि करार के माध्यम से बुवाई करेगा, तो संबंधित शख्स को बुवाई से पूर्व ही किसान को उपज के दाम निर्धारित करने और बुवाई से पूर्व किसान को मूल्य का आश्वासन देता है। किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी, वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेचेगा। देश में 10 हजार कृषक उत्पादक समूह निर्मित किए जा रहे हैं। ये एफपीओ छोटे किसानों को जोड़कर उनकी फसल को बाजार में उचित लाभ दिलाने की दिशा में कार्य करेंगे।
  • कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 के अनुसार न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य यानी MSP को नहीं हटाया गया है। लेकिन ‘बाहर की मंडियों’ को फसल की कीमत तय करने की इजाजत देने को लेकर किसान आशंकित हैं।
  • कृषि सुधार के विधेयकों को लेकर मचे घमासान के बीच सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का ऐलान कर दिया है। सरकार ने एमएसपी में 50 रुपये से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की है। किसानों से उनके अनाज की खरीदी FCI व अन्य सरकारी एजेंसियां एमएसपी पर करेंगी।
  • कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार, रबी मौसम के लिए चने की एमएसपी में 225 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है और यह बढ़कर 5100 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है और यह 5100 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। सरसों के एमएसपी में 225 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है और यह बढ़कर 4650 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। जौ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 75 रुपये की वृद्धि के बाद यह 1600 रुपये प्रति क्विंटल और कुसुम के एमएसपी में 112 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि के साथ यह 5327 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।