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छेरछेरा पुन्नी पर दान मांगने निकले मुख्यमंत्री, कहा-“छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा”

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कांकेर। “छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा” ये कहते हुए सूबे के मुखिया ने जनता-जनार्दन से छेरछेरा पुन्नी पर दान माँगा।

कांकेर की सड़कों पर जब सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और जिले के प्रभारी मंत्री गुरू रूद्र कुमार ने एक स्वर में आवाज़ लगाई “छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा”।

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तब उन्हें महिलाओं ने तिलक लगाकर दानस्वरुप चावल, लड्डू, फल भेंट किए। छेरछेरा पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री को धान से भी तौला गया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी लोगों को छेरछेरा पर्व की शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा कि नई फसल के घर आने की खुशी में महादान का यह उत्सव पौष मास की पूर्णिमा को छेरछेरा पुन्नी तिहार के रूप में मनाया जाता है। छेरछेरा पुन्नी पर बच्चों, युवाओं, किसानों, मजदूरों और महिलाओं की टोली घर-घर जाकर छेरछेरा पुन्नी का दान मांगते हैं।

इस पर्व में समानता का भाव प्रमुखता से उभर कर सामने आता है। धनी और गरीब व्यक्ति एक दूसरे के घर दान मांगने जाते हैं और दान में एकत्र धान, राशि और सामग्री गांवों में रचनात्मक कार्यों में लगाई जाती है।

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उन्होंने कहा कि छेरछेरा के महादान की परम्परा की यह भावना है कि किसानों द्वारा उत्पादित फसल केवल उसके लिए नहीं अपितु समाज के अभावग्रस्त और जरूरतमंद लोगों, कामगारों और पशु-पक्षियों के लिए भी काम आती है।

छेरछेरा पुन्नी पर जनता से दान माँगा

मुख्यमंत्री और अतिथियों ने लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा‘ का घोष किया। और कांकेर की सड़कों पर जनता से दान माँगा। उन्हें दान स्वरूप कई चीज़े मिली भी जिसे सीएम ने सहर्ष स्वीकार कर अपने पास रखा।