नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश में आयोजित भाजपा के “किसान कल्याण कार्यक्रम” (Farmer welfare program) में शिरकत की। जहाँ उन्होंने किसान क़ानून पर किसानों के साथ लंबी चर्चा कर उसके फायदे बताए। साथ ही कांग्रेस समेत पूर्ण विपक्ष और केंद्र में पिछली सरकारों पर भी तीखे तेवर दिखाए है।
भैयाजी ये भी पढ़े : अच्छी ख़बर : कोरोना का टीकाकरण शुरू, पहली खेप में डेढ़ लाख को लगेगी वैक्सीन
किसान कल्याण कार्यक्रम” (Farmer welfare program) में पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान किसानों को विपक्ष द्वारा बरगलाने की बात कहते हुए कहा कि “मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए। मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए।
मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए। कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए।”
मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए। मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए।
मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए।
कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए।
– पीएम @narendramodi #ModiWithFarmers
— BJP (@BJP4India) December 18, 2020
उन्होंने कहा कि “तेजी से बदलते हुए वैश्विक परिदृष्य में भारत का किसान, सुविधाओं के अभाव में, आधुनिक तौर तरीकों के अभाव में असहाय होता जाए, ये स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती। पहले ही बहुत देर हो चुकी है। जो काम 25-30 साल पहले हो जाने चाहिए थे, वो अब हो रहे हैं।”
किसान कल्याण कार्यक्रम (Farmer welfare program) में पीएम मोदी ने कहा कि “भारत की कृषि, भारत का किसान, अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता। दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधा उपलब्ध है, वो सुविधा भारत के भी किसानों को मिले, इसमें अब और देर नहीं की जा सकती।
भैयाजी ये भी पढ़े : शराब बंदी पर भूपेश का बयान, हम पीछे हटने वाले नहीं..पर ड्रग्स न बढ़े इसकी भी तैयारी
बीते दिनों से देश में किसानों के लिए जो नए कानून बने, उनकी बहुत चर्चा है। ये कृषि सुधार कानून रातों-रात नहीं आए। पिछले 20-22 साल से हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। कम-अधिक सभी संगठनों ने इन पर विमर्श किया है।”
Farmer welfare program से कसा तंज़
किसान कल्याण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान कल्याण कार्यक्रम में कहा कि “सचमुच में तो देश के किसानों को उन लोगों से जवाब मांगना चाहिए जो पहले अपने घोषणापत्रों में इन सुधारों की बात लिखते रहे, किसानों के वोट बटोरते रहे, लेकिन किया कुछ नहीं। सिर्फ इन मांगों को टालते रहे और देश का किसान, इंतजार ही करता रहा।”