रायपुर। कोकीन केस (DRUGS CASE) का खुलासा करने वाले रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने राजधानी समेत प्रदेश भर में अपना नाम कमाया और अफसरों से शब्बाशी ली। सरकार ने भी पूरे मामलें में सख्ती से जांच करने और दोषियों को सलाखों के पीछे डालने के निर्देश दिए थे।
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इसी बीच कोकीन केस (DRUGS CASE) में पुलिस की तरफ से पैरवी करने के लिए एक और जिला विशेष अभियोजक अधिकारी की नई नियुक्ति की पैरवी हुई है। इस पैरवी को लेकर विरोधी दल सरकार और पुलिस की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहे है। विरोध दलों का कहना है, कि एक ही केस में अतिरिक्त नियुक्ति करके सरकार खुद का खर्च तो बढ़ा रही है। सरकार केस में किसे फायदा पहुंचाना चाह रही है, यह समझ से परे है।
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इसलिए और बढ़ा विवाद
28 अक्टूबर को सरकार ने पत्र जारी करके ड्रग्स केस (DRUGS CASE) की पुलिस की तरफ से पैरवी करने के लिए एस के फरहान, ठाकुर आनंद मोहन, पियूष भाटिया तथा आदित्य तिवारी की प्रकरण में नियुक्ति करने की पैरवी की थी। आपको बता दे कि इन 4वकीलों में से एक वकील आरोपी की तरफ से केस लड़ रहे है। आरोपी की तरफ से केस लडऩे वाले वकील को चार वकीलों की लिस्ट में शामिल किया जाना सवालिया निशान लगाता है। हालांकि सरकार चाहे तो विशेष लोक अभियोजक अधिकारी को एक महीने के अंदर नोटिस देकर हटा सकती है। लेकिन यह प्रक्रिया पूरी किये बगैर ही एक और लोक अभियोजक की नियुक्ति, और वह भी विशेष प्रकरण हेतु, प्रशासन की मंशा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है.