रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को शून्यकाल में जमकर हंगामा हुआ। दरअसल भाजपा नेताओं ने विधानसभा घेराव के दौरान नेता और कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले फेंकने और लाठी चार्ज करने पर स्थगन प्रस्ताव लेकर पहुंची।
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इस प्रस्ताव को आसंदी ने अग्राह्य किया, लेकिन भाजपा के तमाम विधायक इस स्थगन पर चर्चा के लिए अड़े रहे। इस बीच सदन में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई जिसके बाद दोनों तरफ से नारेबाजी शरू हुई। इस नारेबाजी और हंगामे को बढ़ता देखे सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
इस मामलें में नेताप्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि “16 लाख लोगों को आवास देना था, जिसका आक्रोश फूटा और वंचित लोग राजधानी पहुंचे, लेकिन उनके साथ दमनकारी नीति अपनाई गई।” पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि “छत्तीसगढ़ के इतिहास में कभी ऐसी घटना हुई हो याद नहीं। वंचितों को पीएम आवास देने की मांग हो रही थी, पर हितग्राहियों पर भी कार्रवाई हुई।”
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने सदन में कहा कि “गंभीर मुद्दे पीएम आवास को लेकर घेराव कर रहे थे, लेकिन नेताओं पर लाठीचार्ज किया गया।” भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि “कार्यकर्ताओं पर मिर्ची बम फेंका गया, नेताओं पर बर्बरता पूर्वक कार्रवाई की गई।” विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि “कांग्रेस अगर चाहती है कि हम दमन करके भाजपा को दबा देंगे, तो इनसे भाजपा डरने वाली नहीं है।”
विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा जिस प्रकार की कार्रवाई की गई, हमारे कई नेता आज भी अस्पताल में भर्ती है। विधायक रंजना साहू ने कहा कि गरीबों से नफरत करने वाली सरकार है। सरकार ने राजधर्म नहीं निभाया, महिलाओं पर लाठीचार्ज की कोशिश की गई।
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विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने बुधवार को गृहमंत्री द्वारा इस संबंध में दिए गए वक्तव्य का हवाला देते हुए बीजेपी के स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया। इसके बाद विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू हो गया। इस कारण सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।