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पोषण वाटिका से निकल रहा सेहत का खजाना

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कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर (KANKER NEWS) में कृषि विज्ञान केंद्र और जिला प्रशासन के सहयोग से छात्रावास स्कूलों में पोषण वाटिका योजना चलाई जा रही है। पोषक वाटिका से जहां पौष्टिक सब्जी मिल रही वहीं उक्त सब्जी पर छात्र प्राथमिक शोध भी कर रहे हैं। इस योजना के तहत छह महीने में करीब 9 से 10 क्विंटल सब्जी औसतन प्रति स्कूल उत्पादन बिना गया। छात्रावास के बच्चों को लाभ मिल रहा है।

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कृषि विज्ञान केन्द्र अधिकारी बीरबल साहू ने बताया कि वर्ष 2015-16 में कृषि विज्ञान केन्द्र में पोषण वाटिका की अवधारणा के रूप में करीब 300 वर्ग मीटर के एक छोटे से प्लाट में योजना प्रारंभ किया गया। विभिन्न प्रकार (KANKER NEWS) की सब्जियाें का उत्पादन जैविक पद्धति से किया गया। इस योजना में बिना रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाई के कुछ ही दिनों में प्रतिदिन ताजी सब्जियां मिलने लगी। यह योजना फसल चक्र के तकनीकी के रूप में अपनाया गया। इस योजना को जिला प्रशासन के सहयोग से छात्रावास स्कूलों में प्रारंभ किया गया। जहां पर प्रतिदिन बहुत अधिक मात्रा में सब्जियों की आवश्कता होती है।

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वर्ष 2016-17 में जिले के करीब 30 छात्रावास स्कूल और 2017-18 में करीब 40 स्कूलों में यह योजना प्रारंभ किया गया। इस योजना से आशा जनक लाभ मिलने लगा। करीब 6 माह में ही 9 से 10 क्विंटल ताजी सब्जियां प्राप्त होने लगी। इस योजना को प्रगति पर लाने के लिए छात्रावास अधीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। अपने अपने आश्रम स्कूलों में फसल चक्र तकनीकी से इस योजना को प्रारंभ किया। इस समय वहां पर बिना किसी रासायानिक खाद व दवाई के बच्चों को ताजी व हरी सब्जियां प्राप्त हो रही है।

इस पद्धति का लाभ

पोषण वाटिका (KANKER NEWS) एक ऐसी पद्धति है, जिसमें जैविक पद्धति से लोगों को प्रतिदिन ताजी व हरी सब्जियां प्राप्त हो सकती है। आम तौर पर देखा जाता है कि वे किसान जो सब्जी उत्पादन का व्यवसाय करते हैं वे अपनी सब्जियों को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक दवाई व रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं। सब्जियों में डाले जाने वाली दवाई की अवधी 9 से 10 दिन की होती है लेकिन इतने समय तक किसान इंतजार नहीं कर सकता है।