रायपुर। सूबे में एक बार फिर कार और गाड़ियों की बिक्री एक बार फिर बहाल हो सकती है। ये आश्वासन छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने ऑटो मोबाइल डीलर्स को दिया है। हालाँकि इस आश्वासन में भी पेंच फसा हुआ है।
विभाग उन्ही डीलर्स को बिक्री वापस शुरू करने की अनुमति देगा जिन्होंने होमो लोगेशन प्रक्रिया (Homologation process) के लिए अपना आवेदन दाखिल किया है। ऐसे आवेदनों पर जल्द से जल्द विचार कर उन्हें अनुमति देने की बात परिवहन विभाग के अफसरों ने कहीं है।
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इधर जिन डीलर्स के पास होमो लोगेशन (Homologation process) की अनुमती नहीं होगी उन्हें अनिवार्यतः ये अनुमति आरटीओ दफ्तर से लेनी होगी। जिसके बाद ही वे नई गाड़ियों की बिक्री शुरू कर पाएंगे।
दरअसल इसी महीने की शुरुआत में ही रायपुर आरटीओ की तरफ से सभी बाईक और कार डीलर्स को नए मॉडल की गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगाई गई थी। इस रोक के पीछे सालों से चली आ रही होमो लोगेशन प्रोसेस यानी स्थानीय आरटीओ से एप्रूवल का नहीं होना बताया गया था।
ये है Homologation process
ऑटोमोबाइल कारोबार से जुड़े एक व्यवसायी ने बताया कि किसी भी कार या गाडी का एक नया मॉडल जब कंपनी द्वारा लांच किया जाता था, तब उसे स्टेट लेवल पर आरटीओ आयुक्त से अप्रूवल लिया जाता है।
केंद्र सरकार की ओर से BS-4 पोर्टल लॉन्च किए जाने के बाद कंपनियों की ओर से इस पोर्टल में इसका अप्रूवल लिया जाता था, लिहाजा कंपनियों स्टेट लेवल पर अप्रूवल लेना बंद किया था। जिसे वापस शुरू करने छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार इस प्रकिया के लिए डीलर्स को नोटिस थमाया था।
तो निरस्त की जा सकती है ट्रेड
इधर कार और बाइक डीलर्स के बीच इस आरटीओ द्वारा ट्रेड कैंसल किए जाने को लेकर भी बातें सामने आई है। जानकारी के मुताबिक होमो लोगेशन प्रोसेस छत्तीसगढ़ में लागू था। जिसका उल्लंघन तकरीबन साल भर से प्रदेश के सभी डीलर्स कर रहे थे।
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ऐसे में आरटीओ अफसर सभी डीलर्स का ट्रेड कैंसल करने का मन बना रहे है। ट्रेड कैंसल होने के बाद दोबारा इसे शुरू करने के लिए तक़रीबन डेढ़ से दो महीने का समय लगता है, ऐसे में डीलर्स को और भी नुकसान हो सकता है। हालाँकि इस तरह की किसी भी कार्यवाही की बात अब तक विभाग की तरफ से नहीं कही गई है।