नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर दसवें दौर की वार्ता कुछ ही देर में शुरू होने वाली है। इससे लिए सभी किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच चुके है।
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वार्ता से पहले किसान नेताओं ने एक बार फिर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को दोहराया है। उन्होंने कहा कि तीनों कानून को रद्द कर MSP पर कानून बनाया जाए उसके बाद ही कोई बातचीत शुरू होगी।
Delhi: A delegation of farmer leaders arrive at Vigyan Bhawan for the tenth round of talks with Union Government on the three Farm Laws pic.twitter.com/hMfCLMLd7o
— ANI (@ANI) January 20, 2021
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि “हम बैठक और आंदोलन भी करेंगे। एक भी किसान यहां से वापस नहीं जाएगा। टिकैत ने कहा कि सरकार को 3 कानूनों को रद्द करना होगा और MSP पर कानून बनाना होगा, तभी हम किसानों को लाभ मिलेगा।”
दिल्ली: केंद्र सरकार के साथ होने वाली 10वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने बताया,"हम बैठक और आंदोलन भी करेंगे। किसान यहां से वापस नहीं जाएगा।MSP पर कानून,3 कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करेंगे" pic.twitter.com/28Afzrre5M
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
किसान नेता और ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि “पहली बैठक में हमारे नेताओं से स्पष्ट कह दिया था कि अगली बैठक रखते हैं तो मन बना कर आएं कि कानून रद्द करना है और MSP पर कानून बनाने से नीचे कोई बात शुरू नहीं होगी। आज उम्मीद है कि कि सरकार ने मन बनाया होगा।”
पहली बैठक में हमारे नेताओं से स्पष्ट कह दिया था कि अगली बैठक रखते हैं तो मन बना कर आएं कि कानून रद्द करना है और MSP पर कानून बनाने से नीचे कोई बात शुरू नहीं होगी। आज उम्मीद है कि कि सरकार ने मन बनाया होगा: ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू pic.twitter.com/cqFGt1B2o1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2021
किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली वार्ता पर सिंघु बॉर्डर से एक किसान नेता ने किसी हल की बात को नकारा है। उन्होंने कहा कि “आज की बैठक भी पहले जैसे ही होगी। बैठक से हमें कोई उम्मीद नहीं। जब भी बैठक होती है हम इसलिए जाते हैं कि सरकार हमारे साथ बैठक कर इसका हल निकाले। लेकिन हल निकालने का सरकार का अभी भी मन नहीं बना है।