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सिंधु बॉर्डर पर किसान ने खुद को मारी गोली, पिछले 21 दिन में 21 अन्नदाता की मौत

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दिल्ली /देशभर के किसान पिछले 21 दिनों से आंदोलनरत हैं ऐसे में एक तरफ सरकार है जो अपने कृषि कानून में बहुत अधिक बदलाव की गुंजाइश नहीं कह कर बार-बार बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं जो दूसरी तरफ किसान है जो अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर में पिछले 21 दिनों से टिके हुए हैं। अभी अभी मिली जानकारी अनुसार 65 वर्ष करनाल निवासी किसान बाबा राम सिंह ने सिंधु बॉर्डर पर खुद को गोली मार ली है उनके पास से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने सरकार के रुख की ओर इशारा करते हुए लिखा है।

अब तक किसान आंदोलन के दौरान मारे गए अन्न दाता की बात करें तो पिछले 21 दिनों में कुल 21 किसानों की मौत हो चुकी है। जिनमें से कुछ किसान ठंड से कुछ तकलीफ शारीरिक तकलीफ से तो कुछ सरकार के रुख से दुखी होकर आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा रहे हैं।

मिली जानकारी अनुसार बाबा राम सिंह जी के पहले बुधवार को बदौसा गांव निवासी किसान आरती की मौत हार्ट अटैक से हो गई जिसके बाद उनके शव को उनके गृह ग्राम भेज दिया गया। वही आज संत बाबा राम मैं खुद को गोली मारकर यह साबित कर दिया की किसान के लिए उसकी जिंदगी से बड़ी उसकी फसल होती है जिसे वह अपने बच्चों की तरह पाल पोसकर बड़ा करता है लेकिन जब उसे एहसास होता है कि उसके इस बच्चे को दूसरे हाथों में सौंपा जा रहा है तो वह आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा सकता है.

बताया जा रहा है कि मृतक 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह नानकसर, सिंघड़ा की जगह पर एक गुरुद्वारे के प्रमुख थे. उन्होंने सुसाइड नोट में किसानों के नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे संघर्ष के ऊपर चिंता जताया और सरकार के रवैये से आहत होना लिखा है। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में ल‍िखा है, ‘मैं किसानों की तकलीफ को महसूस करता हूं जो अपने अध‍िकारों के लिए लड़ रहे हैं. मैं उनका दुख समझता हूं क्योंकि सरकार उनके साथ न्याय नहीं कर रही. अन्याय करना पाप है, लेकिन अन्याय सहन करना भी पाप है. किसानों के समर्थन में कुछ लोगों ने सरकार को अपने अवार्ड लौटा दिए. मैंने खुद को ही कुर्बान करने का फैसला किया है।