बिलासपुर। छतीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस की सरकार पलटेगी या निज़ाम बदल दिया जाएगा, इस बात पर एक बार फिर सियासी बहस छिड़ गई है। सूबे के हकीमख़ानों का बंदोबस्त करने वाले मंत्री के बयान से ये सारे सवाल सियासी गलियारों में सरपट दौड़ रहे है।
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फिलहाल देश के दीगर राज्यों में तख्तपलट के दांवपेंच के बीच ये चर्चा लाज़मी भी है, आखिर खुद की पार्टी की सरकार को बचाने की ज़द्दोज़हद में राजस्थान के कांग्रेसी लगे हुए है। ऐसे में अब छत्तीसगढ़ के 70 विधायकों वाली सरकार के पलटने या फिर सूबे का निज़ाम बदलने की ख़बर को एक बार फिर हवा लगी है।
दरअसल ये सारी बातें प्रदेश (Chhattisgarh) के स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा बिलासपुर में दिए गए एक बयान के बाद राजनैतिक गलियारों में दौड़ रही है। सिंहदेव बिलासपुर में कोविड-19 के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जिले की 438 मितानिनों को सम्मानित करने पहुंचे थे। जिसके बाद सिंहदेव मीडिया से मुख़ातिब हुए।
चर्चा और सवाल जवाब के दौरान ही पत्रकारों ने राजस्थान के घटनाक्रम को जोड़कर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सत्ता परिवर्तन और मुखिया के बदलाव को लेकर सवाल दागा गया। इस सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ मंत्री सिंहदेव ने तपाक से जवाब देते हुए कहा कि “हमने 2 दिन के मुख्यमंत्री भी देखे है और 15 साल के भी, किसी की कार्य अवधि फिक्स नहीं है।”
उन्होंने आखिर में पूरा माज़रा पार्टी आलाक़मान की झोली में उडेलते हुए कह दिया कि ” इन सब मुद्दों पर पार्टी आलाकमान ही फैसला करते है, वे जिसे चाहे मुख्यमंत्री बना सकता है।”
Chhattisgarh में इस वज़ह से उठ रहे सवाल
छत्तीसगढ़ में तख़्तपलट या निज़ाम के बदले जाने की खबर इस वज़ह से भी ज़ोर पकड़ रही है, कि पहले मध्यप्रदेश और अब राजस्थान में सियासी डावाडोल की स्थिति बन हुई है।
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ऐसे में छत्तीसगढ़ में भी राजनीतिक उठापटक की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा रहा। सूत्रों की मानें तो राजा के दरबार में 30 दरबारी भी हर वक़्त मौजूद है। हालाँकि ये आंकड़ा पहले 35 का हुआ करता था।
इस्तीफ़े की दे चुके है धमकी
इधर स्वास्थ मंत्री टीएस सिंहदेव अपने इस्तीफ़े की धमकी भी दे चुके है। ये धमकी उन्होंने किसानों के बोनस में हो रही लेट लतीफ़ी के दौरान दी थी। उस वक़्त भी बाबा और सूबा-ए-सदर के बीच टसल की खबरे आए थी।
हालाँकि इसे मैनेज करने Chhattisgarh कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सामने आए और पिछले दिनों राजा साहब के घर पर प्रदेश प्रभारी ने अपने भोज के निमंत्रण के साथ ही सूबे के मुखिया और बाकी मंत्रियों को भी दावत दिलवा दी और मामला रफा दफा किया।