रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ आलोक शुक्ला (ALOK SHUKLA) अपने नवाचार और कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा चर्चा में रहते है। डॉ शुक्ला इन दिनों फिर से विभागीय अधिकारियों की चर्चा में है। डॉ शुक्ला की चर्चा का कारण उनकी आने वाले किताब है। डॉ शुक्ला ने कोरोना काल में नवाचार करने वाले शिक्षकोंपर किताब लिखी है। इस किताब के 40 नायक है। इन नायकों की कहानी बताने के लिए डॉ शुक्ला ने प्रदेश के 70 ब्लॉकों का दौरा किया और फिर शिक्षकों को चयनित करके 150 पेजों में उनकी कहानी लिखी।
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विभाग के संघर्ष की कहानी
डॉ शुक्ला (ALOK SHUKLA) की आने वाली पुस्तक कोरोना काल में स्कूल शिक्षा विभाग की संघर्ष की कहानी को पाठकों के सामने रखेगा। कोरोना काल में स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रयोग करके एेसा पोर्टल बनाया, जो एशिया में पत्थर का मील साबित हुआ। कई राज्यों ने छत्तीसगढ़ के इस मॉडल को कॉपी किया और स्टडी की। डॉ शुक्ला ने अपनी किताब में उन शिक्षकों का उल्लेख किया है, जो विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते रहे और छात्रों के अंदर शिक्षा की अलख जलाते रहे।
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इस तरह मिली किताब लिखने की प्रेरणा
डॉ शुक्ला (ALOK SHUKLA) ने कई किताब लिखी है, लेकिन ‘महामारी, लेकिन पढऩा लिखना किताब लिखने का विचार उन्हें कोरोना काल में विकासखंडों का दौरा करने के दौरान आया है। कोरोना संक्रमण काल में प्रमुख सचिव ने 70 विकासखंडों का दौरा किया और ऑनलाइन-ऑफलाइन पढ़ाई के बारे में विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। शिक्षकों के प्रयासों को यादगार बनाया जा सके, इसलिए किताब लिखने की ठानी, ताकि शिक्षकों की हौसलाफजाई कर उन्हें तोहफे में दे सके।