रायपुर / सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।जिसमे एक युवक अपने पिता की मौत के लिए एम्स प्रशासन को जिम्मेदार बता रहा है। हमारी टीम ने जब इस विषय की जानकारी ली तो पता चला अस्पताल परिसर के बाहर चीख चीख कर गुहार लगाने वाला व्यक्ति अजय जॉन रायपुर कटोरातालाब निवासी है।
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वीडियो में वह यह कह रहे हैं कि उन्होंने अपने पिता को 9 सितम्बर को एम्स रायपुर में एडमिट किया था और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते उनके पिता अनिल कुमार जॉन की आज मौत हो गई।
अजय जॉन वीडियो में कह रहे है कि चिकित्सक उनके पिता को सही ट्रीट नहीं कर रहे। वार्ड में 11 बजे रात तक पिता तीन घंटे दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन कोई देखने वाला नहीं आया। सुबह जब चिकित्सकों को पूरी बात बताई, तब जाकर नर्सिंग स्टाफ ने आइसोलेशन वार्ड में ले जाकर पिता की जांच की।
युवक बिलख बिलख के रोते हुए एम्स पर गंभीर आरोप लगा रहा है। और प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत क्षेत्रीय विधायक का ज़िक्र करते हुए मदद मांगते दिख रहा है।इधर इस मसले को लेकर एम्स ने अपना पक्ष रखा है।एम्स के डायरेक्टर डॉ नितिन नागरकर ने पूरे मसले पर संवेदना जताई और विस्तार से बात रखते हुए किसी भी लापरवाही से इंकार किया है। डॉ नितिन नागरकर ने कहा “कोई भी बीमारी मरीज़ और उसके परिजनों को तनाव देती है, कोरोनावायरस के मरीज़ से हम नियमों के कारण परिजनों को मिलने नहीं दे सकते.. कोरोना अप्रत्याशित रुप लेता है.. ठीक होते होते अचानक समस्या गहरा जाती है,यह मसला भी वहीं से शुरु हुआ,मैंने वीडियो देखा है और मरीज़ को लेकर मैं बता सकता हूँ कि हर मरीज़ का एम्स पूरा ध्यान रखता है, अजय जॉन के पिता भी सतत निगरानी में थे और जिस प्रकार कोरोना का कहर चल रहा है उस दौरान उनके पिता की मौत हो गई। कोई भी चिकित्सक यह क़तई नहीं चाहेगा कि मरीज़ स्वस्थ ना हो, हम इस बीमारी से मरीज़ों को स्वस्थ करने में पूरी ताक़त झोंक रहे है। एम्स हालाँकि इस विषय पर विचार कर रहा है कि कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज़ों और परिजनों के बीच संवाद को थोडा और बेहतर किया जा सके, लेकिन यह संवाद सुरक्षा और सावधानी के मानकों के अनुरुप हो।