दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को मनरेगा की नई दरें जारी कर दी हैं। यह दरें 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए हैं। इसके तहत गोवा में सबसे ज्यादा मजदूरी बढ़ाई गई है। गोवा में वर्तमान प्रति दिन मजदूरी दर 10.56 फीसदी की अधिकतम बढ़ोत्तरी देखी गई। मतलब मजदूरी में 34 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है।
वहीं, यूपी, उत्तराखंड में सबसे कम 7 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मनरेगा 2005 की धारा 6 की उप-धारा (1) के तहत अधिसूचित नई मजदूरी दरें 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी हो जाएंगी।
कुल मिलाकर मजदूरी में लगभग 7% की औसत वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मौजूदा औसत मजदूरी दर 267.32 रुपये प्रति दिन से बढ़कर 285.47 रुपये प्रति दिन हो गई है।
हरियाणा में 374 रुपए मिलेगी मजदूरी
अधिसूचना के अनुसार, मजदूरी की उच्चतम दर (374 रुपये प्रति दिन) हरियाणा के लिए तय की गई है। जबकि सबसे कम (234 रुपये प्रति दिन) अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के लिए तय की गई है।
गोवा में सबसे ज्यादा बढ़ी मजदूरी
मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-2024 की मजदूरी दरों को देखें तो गोवा में 10.56% (34 रुपये) की अधिकतम वृद्धि की गई है। अब नए वित्त वर्ष 2024-2025 में 356 रुपये प्रति दिन मजदूरी मिलेगी। अभी तक मनरेगा मजदूरों को यहां 322 रुपए मजदूरी मिलती है।
अन्य राज्यों में क्या है मजदूरी?
- तीन अन्य राज्यों- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी मजदूरी में 10% से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है। कर्नाटक में अब 349 रुपये प्रति दिन मजदूरी मिलेगी। यह मौजूदा दर 316 रुपये प्रति दिन से 10.44% अधिक है।
- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मजदूरी दरें 2024-2025 के लिए 300 रुपये प्रति दिन तय की गई हैं, जो चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 272 रुपये प्रति दिन की तुलना में 10.29% अधिक है।
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मजदूरी की दर एकसमान है। यहां लगभग 10% की वृद्धि की गई है। अब 221 रुपये की जगह मजदूरों को 243 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान होगा।
- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मौजूदा 230 रुपये मजदूरी दर की जगह 237 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। यहां मजदूरी की दर में केवल 3.04% की सबसे कम वृद्धि दर्ज की है।
8 राज्यों में 5 फीसदी से कम बढ़ी दर
आठ अन्य राज्यों में 5% से कम वृद्धि की गई है। इनमें हरियाणा, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, राजस्थान, केरल और लक्षद्वीप शामिल हैं। कुल मिलाकर मजदूरी में लगभग 7% की औसत वृद्धि देखी गई है। पिछले हफ्ते मंत्रालय ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए संशोधित नरेगा मजदूरी को अधिसूचित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। जिसे चुनाव आयोग ने मंजूरी दे दी।